डिजिटल न्यूज डेस्क, मुंबई। देश के इनोवेटर्स और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार मे डेयर टू ड्रीम (डी2डी) योजना शुरू तो की थी, लेकिन पिछले चार साल में इसमें हिस्सा लेने वाले युवा इनोवेटर्स की संख्या लगातार कम होती गई। इस योजना के तहत स्टार्टअप के लिए 10 लाख रुपये और व्यक्तिगत श्रेणी में पांच लाख रुपये दिए जाते हैं।
सरकार का दावा है कि इस योजना को अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है, लेकिन जो आंकड़े हैं, वह उसके दावों की पोल खोल रहे हैं। साल 2019 में डी2डी 1.0 के तहत 3080 इनोवेटर्स और स्टार्टअप्स ने हिस्सा लिया था, जो साल 2023 में घट 792 रह गए। यंग इनोवेटर्स की घटती संख्या सरकार के लिए एक खुली चुनौती है।
सरकार ने दावा किया है कि चार साल में डेयर टू ड्रीम योजना के तहत 5,600 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 86 प्रौद्योगिकियों और आइडियाज को मान्यता दी गई। व्यक्तिगत इनोवेटर्स और स्टार्ट-अप्स को 3.97 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि दी गई है। डीआरडीओ प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीडीएफ) योजना के माध्यम से स्टार्ट-अप श्रेणी के डेयर टू ड्रीम विजेताओं को 6.93 करोड़ रुपये की लागत से कुल आठ प्रोजेक्ट प्रदान किए गए हैं।
डेयर टू ड्रीम-1 (2019)👉 3080
डेयर टू ड्रीम-2 (2020)👉 1750
डेयर टू ड्रीम-3 (2021)👉 819
डेयर टू ड्रीम-4 (2023)👉 792