ताज़ा खबर
OtherTop 10ताज़ा खबरबिज़नेसभारतराज्य

ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ता एनपीए, बेरोजगारी और मुद्रास्फीति चिंता का मुद्दाः रिपोर्ट

Share

मुंबई। ग्रामीण क्षेत्रों में ऋणों के भुगतान में चूक की दर लगातार बढ़ रही है। दो वर्ष के दौरान एनपीए लगातार बढ़ रहा है। हालांकि, बकाया ऋणों में गिरावट के बावजूद जून 2021 तक छोटे कर्जों पर बहुत ज्यादा दबाव देखने को मिला है। एक रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ता एनपीए, बेरोजगारी और मुद्रास्फीति चिंता का मुद्दा बन रहा है।
ऋण सूचना मुहैया कराने वाली कंपनी क्रिफ हाई मार्क ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ मिलकर तैयार की गई अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ता एनपीए, बेरोजगारी और मुद्रास्फीति चिंता का मुद्दा बन रहा है। इस रिपोर्ट को ग्रामीण कारोबार विश्वास सूचकांक (आरबीसीआई) के आधार पर तैयार किया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर 2021 में आरबीसीआई सूचकांक 63.9 प्रतिशत रहा है। जून 2019 से लेकर जून 2021 के दौरान ग्रामीण खुदरा कर्ज में चूक की दर मूल्य के लिहाज से 0.5 फीसदी गिरी है। यह सूक्ष्म-वित्त के मामले में 2.8 फीसदी और ग्रामीण वाणिज्यिक ऋण के मामले में 0.2 प्रतिशत रही है। हालांकि, ग्रामीण ऋणों के गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) में तब्दील होने की दर बढ़ी है।

रिपोर्ट के मुताबिक, देश की करीब 60 प्रतिशत आबादी वाले ग्रामीण क्षेत्रों में औसत बेरोजगारी दर वर्ष 2021 में बढ़कर 7.3 प्रतिशत हो गई है, जबकि वर्ष 2019 में यह 6.8 फीसदी रही थी। ग्रामीण क्षेत्रों को बढ़ती महंगाई से भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति ग्रामीण इलाकों में 5.9 फीसदी रही, जबकि एक साल पहले यह 4.3 प्रतिशत थी।


Share

Related posts

अमेरिका फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत, पांच घायल

Vinay

आरबीआई ने आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटाकर 9.5 प्रतिशत किया

samacharprahari

ईपीएफ में अंशदान में देरी, ‘नुकसान’ की भरपाई नियोक्ता करेगाः कोर्ट

Amit Kumar

ज्ञानवापी सर्वे: मुस्लिम पक्ष की आपत्ति, ASI को रिपोर्ट देने के लिए 10 दिन और मिले

samacharprahari

ईडी ने 1146 करोड़ रुपये की हेराफेरी में एक कारोबारी को अरेस्ट किया

Vinay

एल्गार परिषद मामला: डीयू के प्रोफेसर को चार अगस्त तक एनआईए हिरासत में भेजा

samacharprahari