गुजरात के सीएम दे चुके हैं इस्तीफा, अपशकून बतानेवालों का लगा तांता
वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में मन्धातेश्वर मंदिर के
शिखर पर मंगलवार शाम (28 जून) को बिजली गिरने से शिखर का एक हिस्सा टूट कर दूर जा
गिरा। इस घटना को लेकर ज्योतिषी पर भरसा रखनेवालों में कई तरह की अटकलें चल निकली हैं।
पांचवी सदी के एक ग्रंथ बृहत् संहिता के‘इन्द्रध्वज-संपदध्यय:’ प्रकरण के अनुसार, प्राचीन मंदिर की ध्वजा पर बिजली गिरने को राजा और उसकी रानी के लिए एक अपशकुन कहा गया है।
इस मामले में कई ज्योतिषियों का कहना है कि मेदिनी ज्योतिष में मंदिर शिखर या ध्वज पर बिजली गिरना या उनका टूटना एक अशुभ शकुन माना जाता है। वाराणसी के प्राचीन मंदिर के शिखर पर बिजली गिरने का शगुन आने वाले 6 महीनों में अपने अशुभ परिणाम दे सकता है।
विगत वर्ष 13 जुलाई 2021 को गुजरात के प्राचीन द्वारकाधीश मंदिर की गुंबज पर 52 गज की ध्वजा पर बिजली गिरने से उसमें आग लग गई थी, जिससे मंदिर की कुछ दीवारें काली भी पड़ गई थीं।
द्वारकाधीश मंदिर की गुंबद पर बिजली गिरने को गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के लिए अशुभ शकुन बताया गया था। बाद में एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में 12 सितंबर को मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने अपने सभी मंत्रियों के साथ इस्तीफा दे दिया था। केंद्रीय नेतृत्व ने भूपेंद्र भाई पटेल को नया मुख्यमंत्री बना दिया था।