माओवादी से संबंध रखने के मामले में गिरफ्तार स्वामी ने अदालत से किया अनुरोध
स.प्र. प्रतिनिधि, मुंबई।
भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार किए गए 83 वर्षीय फादर स्टेन स्वामी ने अपने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अदालत से अनुरोध किया है कि उन्हें जेल में ‘स्ट्रॉ’ और ‘सिपर’ उपलब्ध कराया जाए। एल्गार परिषद के कथित माओवादी से संबंध रखने के मामले में गिरफ्तार 82 वर्षीय मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टैन स्वामी ने विशेष एनआईए अदालत से गुजारिश की है कि उन्हें पेय पदार्थ पीने के लिए जेल में एक स्ट्रॉ और सिपर मुहैया कराया जाए। स्वामी को जनवरी 2018 में पुणे के निकट भीमा कोरेगांव में हिंसा के संबंध में पिछले महीने रांची स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था। वकील कृतिका अग्रवाल के जरिए एनआईए अदालत के समक्ष अर्जी दायर की गई है। एनआईए ने स्ट्रॉ इस्तेमाल करने के अनुरोध पर जवाब देने के लिए 20 दिन का समय मांगा है।
बता दें कि एनआईए ने पिछले महीने स्वामी समेत आठ लोगों के खिलाफ मामले में आरोप पत्र दायर किया था। स्वामी पार्किंसंस से पीड़ित हैं। इसलिए स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने तलोजा जेल में स्ट्रॉ और सिपर मुहैया कराए जाने का अनुरोध किया। विशेष एनआईए अदालत के न्यायाधीश डी. ई. कोथलिकर ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से 26 नवंबर को मामले पर अपना जवाब दायर करने को कहा है।
एनआईए अधिकारियों ने कहा, ‘जांच से पता चला है कि स्वामी भाकपा (माओवादी) की गतिविधियों में शामिल थे।’ एनआईए ने आरोप लगाया है कि वह समूह की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिये षडयंत्रकारियों सुधीर धावले, रोना विल्सन, सुरेन्द्र गैडलिंग, अरुण फरेरा, वर्नन गोंसाल्वेस, हनी बाबू, शोमा सेन, महेश राउत, वरवरा राव, सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबड़े के संपर्क में रहे हैं।