समाचार प्रहरी, भोपाल।
मध्य प्रदेश के चंबल के बीहड़ में कभी आतंक का पर्याय रहे कुछ कुख्यात डाकुओं और इस दस्यु आतंक का खात्मा करने के पुलिस के प्रयासों की दास्तान को भिंड जिले के एक संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा। यह जानकारी अधिकारियों ने दी है। सरकार चंबल के डाकुओं के इतिहास को एक संग्रहालय के जरिये लोगों को बताना चाहती है और संदेश देना चाहती है कि हिंसा से हमेशा नुकसान ही होता है, इससे किसी का फायदा नहीं होता है।
अधिकारियों ने कहा कि दस्यु सुंदरी से सांसद बनी फूलन देवी, डाकू मलखान सिंह और एथलीट से दस्यु बने पान सिंह तोमर जैसे डारुओं के जीवन की कहानियों का संग्रहालय में उल्लेख मिलेगा। भिंड के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि यह संग्रहालय अगले महीने से शुरू होगा। मध्य प्रदेश पुलिस के जवान इसकी स्थापना के लिए धन दान कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘अब तक चंबल के बीहड़ों के डाकुओं का महिमामंडन किया जाता रहा है। अब इन डाकुओं के आतंक के पीड़ितों के साथ-साथ उन पुलिसकर्मियों को सुर्खियों में लाया जाएगा, जिन्होंने इस आतंक का खात्मा करने के लिए लड़ाई लड़ी।’ उन्होंने कहा, ‘डाकुओं से लड़ने वाले पुलिस बल के नायक भी गुमनाम बने हुए हैं। यह सब संग्रहालय में, सार्वजनिक डोमेन में लाया जाएगा।’
चंबल रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक राजेश हिंगणकर ने कहा कि इस संग्रहालय में चंबल से डाकुओं को खत्म करने में जान गंवाने वाले 40 से अधिक पुलिसकर्मियों और अधिकारियों का डेटाबेस होगा। उनकी तस्वीरों और पदकों को भी इसमें दिखाया जाएगा। उन्होंने कहा कि डाकुओं और उनसे पीड़ित लोगों के जीवन को प्रदर्शित करने के लिए एक डॉक्यूमेंट्री भी बनाई जाएगी।