प्रहरी संवाददाता, मुंबई। केंद्र सरकार ने इन्फ्रा डेवलपमेंट बिल को मंजूकी दे दी है। नए डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन में सरकार की कम से कम 26 फीसदी हिस्सेदारी होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 22 मार्च को लोकसभा में इससे जुड़ा बिल पेश करते हुए यह जानकारी दी।
नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट (एनबीएफआईडी) बिल का मकसद नकदी संकट से जूझ रही लॉन्ग टर्म परियोजनाओं की मदद करना है। इसके तहत इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को फंड मुहैया कराने के लिए बॉन्ड और डेरिवेटिव मार्केट्स भी डेवलप किया जाएगा। इसका हेडक्वार्टर मुंबई में होगा और इसके ऑफिस देश भर में खोले जाएंगे। इसका रेगुलेशन आरबीआई करेगा।
इस बिल के मुताबिक, “इस इंस्टीट्यूशन का मकसद डायरेक्ट या इनडायरेक्ट तरीके से परियोजनाओं के लिए कर्ज देना या इनवेस्ट करना है। साथ ही यह देश-विदेश से इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के लिए निवेश जुटाने की कोशिश करेगी। कंपनी का फोकस देश के आर्थिक विकास पर रहेगा।” बैंक का ऑथराइज्ड कैपिटल एक लाख करोड़ रुपए होगा। यह 10 रुपए वैल्यू के शेयर 10,000 करोड़ शेयरों में बंटा रहेगा।