मुंबई। कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान पश्चिम रेलवे की ओर से ई-नीलामी आयोजित की गई थी। ई नीलामी के ज़रिये 45 करोड़ रुपए मूल्य की स्क्रैप बिक्री की गई। पश्चिम रेलवे ने भारतीय रेल खंड पर सर्वाधिक स्क्रैप बिक्री का रिकॉर्ड दर्ज किया है।
कोरोनावायरस महामारी के कारण घोषित हुए लॉकडाउन ने जहाॅं सब कुछ ठप कर दिया है और ट्रेनों का परिचालन पूरी क्षमता के साथ न होने की वजह से रेलवे की आमदनी बुरी तरह से प्रभावित हुई है, तो वहीं श्रेष्ठता की दिशा मे निरंतर प्रयासरत पश्चिम रेलवे की गति थमने के बजाय अनवरत जारी है। इसी क्रम में, पश्चिम रेलवे ने एक नई उपलब्धि हासिल की है। रेलवे की विभिन्न गतिविधियों से रिलीज़ की गई अनुपयोगी सामग्री (स्क्रैप) की बिक्री करके पश्चिम रेलवे की आमदनी बढ़ाई गई है। पश्चिम रेलवे ने लॉकडाउन के दौरान कुल 45 करोड़ रुपए मूल्य के स्क्रैप की बिक्री की है। पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल एवं पश्चिम रेलवे के प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक जे पी पांडेय के नेतृत्व एवं कुशल मार्गदर्शन में रेलवे के समस्त ज़ोनों में की गई सर्वाधिक बिक्री है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक के निर्देशों के अनुरूप सभी मंडलों पर अप्रैल और मई 2020 में कारखानों और रेल पथ के किनारे पड़े हुए सभी स्क्रैप की पहचान करने के बाद जून 2020 में इस की बिक्री शुरू की गई। अब तक 45 करोड़ रुपए की स्क्रैप बिक्री की जा चुकी है। विभाग की ओर से प्रत्येक माह में दो बार महालक्ष्मी, साबरमती, प्रताप नगर डिपो तथा मुंबई, वड़ोदरा, रतलाम, अहमदाबाद, राजकोट एवं भावनगर मंडलों के ज़रिये पारदर्शितापूर्ण ढंग से ई-नीलामी की गई। इसके तहत अनसर्विसेबल रेल्स, स्लीपरों, अनुपयोगी लोकोमोटिव, कोचों, वैगनों जेसी ट्रैक सम्बंधी सामग्री तथा विभिन्न शेडों और कारखानों से निकली हुई अनसर्विसेबल फेरस एवं नॉन फेरस सामग्री की बिक्री की गई।
उल्लेखनीय है कि सभी ज़ोनल रेलों में पश्चिम रेलवे ने विगत दो वित्तीय वर्षों से क्रमशः 537 करोड रुपए और 533 करोड रुपए की स्क्रैप बिक्री कर सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है। पश्चिम रेलवे की ओर से चालू वर्ष के अंत तक अपने सभी कार्य स्थलों के लिए 100 प्रतिशत स्क्रैप फ्री स्टेटस प्राप्त करने के प्रयास किये जा रहे हैं।