संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी हुआ बयान
नई दिल्ली। भारत में महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ यौन अपराध की बढ़ती घटनाओं पर ध्यान आर्कषित करते हुए संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की स्थायी समन्वयक रेनाटा डेसालिएन ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश के हाथरस और बलरामपुर में हुई कथित सामूहिक बलात्कार और हत्या की घटनाएं यह बताती हैं कि समाज के वंचित तबके के लोगों को लिंग आधारित हिंसा व अपराध का खतरा ज्यादा है।
दुनिया भर में राज्य सरकार की बदनामी
उत्तर प्रदेश में बढ़ती आपराधिक घटनाओं से राज्य सरकार की किरकिरी हुई है। महिलाओं व बच्चियों के साथ होनेवाली यौन अत्याचार ब आपराधिक घटनाओं पर संयुक्त राष्ट्र की स्थायी समन्वयक की टिप्पणी आई है। इस पर भारत ने कहा कि किसी भी बाहरी एजेंसी की टिप्पणी को नजरअंदाज करना उचित होगा। यूपी में गैंगरेप की दोनों घटनाओं में जांच अभी जारी है। विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि सरकार इन मामलों को बहुत गंभीरता से ले रही है।
समय पर न्याय मिले
भारत में यूएन की स्थायी समन्वयक रेनाटा डेसालिएन ने अपने बयान में कहा है कि यह आवश्यक है कि प्रशासन सुनिश्चित करे कि दोषियों को जल्दी न्याय की जद में लाया जाए। पीड़ित परिवारों को समय पर न्याय पाने के लिए सशक्त बनाया जाए। उन्हें सामाजिक समर्थन, काउंसिलिंग, स्वास्थ्य सुविधा और पुनर्वास की सुविधा दी जाए। भारत में महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ लगातार हो रही यौन हिंसा को लेकर संयुक्त राष्ट्र दुखी और चिंतित है।
भारत सरकार ने कहा- गैरजरूरी बयान
संयुक्त राष्ट्र पदाधिकारी की टिप्पणी पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा की कुछ हालिया घटनाओं को लेकर संयुक्त राष्ट्र की स्थायी समन्वयक द्वारा कुछ गैरजरूरी टिप्पणियां की गई हैं। उन्होंने कहा, भारत में संयुक्त राष्ट्र की स्थायी समन्वयक को यह ज्ञात होना चाहिए कि सरकार ने इन मामलों को बहुत गंभीरता से लिया है।