December 9, 2024
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ये जो खबरें हैं ना…. 10

गधों की फौज का जिक्र नहीं, तेंदुआ, शेर और बाघ का बखान

बाघों, शेरों के बाद अब तेंदुओं की संख्या बढ़ना ‘बहुत अच्छी खबर’, लेकिन देश में दो दशक में जो गधों की फौज बढ़ी व बनी है, उसके बारे में चुप्पी साध गए जुमलेश्वर बाबू। यह खबर सुनकर अंधभगतों के सिर पर कौन सी बिजली गिरी होगी, कह नहीं सकता…। वइसे, निजाम साहिब ने कुरसी पर बैठते ही गधा अभयारण्य की सैर कराए थे बहुत से लोगन को…लेकिन अब भुलाय  बिसराय दिया…काहें बे…

हम बताए दे रहे हैं….हमाए जो निजाम बाबू शा हैं ना,…..बहुतै शातिर व चालाक हैं…। बताइऐ जिन गधेड़ों की बदौलत आज तक सत्ता का मजा चख रिए हैं, उनका जिक्र तक नहीं किए…ये तो भौकालियों व अंधभगतों की गधा टोली के लिए डूब मरने वाली बात हो गई…।

हमाए शातिर निजाम ने भारत में बाघों और शेरों के बाद अब तेंदुओं की संख्या बढ़ने को ‘बहुत अच्छी खबर’ बताया और इसके लिए वन्यजीव संरक्षण के लिए काम करने वाले सभी लोगों को बधाई भी दी। लेकिन गधेड़ों को भूल गए….आखिर क्यों भूल गए….क्या अब गधेड़ों की जरूरत नहीं रही….।

कमाल है….उन्होंने गधेड़ों की फौज में शामिल गोदी मीडिया और अंधभक्तों की टोली का कउनो जिक्र तक नहीं किया…
क्यों भिया, अब का करोगे बै…. चुल्लू भर पानी में डूब मरो बे…तुम्हारे बाप ने तुम्हें दुलत्ती मार के ठेल दिया है… परे….

यही गधेड़ों की टोली दिन रात, चौबीसों घंटे, सातों दिन, बारह महीने निजाम के मनगढ़ंत किस्सों को सही साबित करने का काम करती आई है। लेकिन, शातिर निजाम को सच कहां दिखाई देता है। उनने तो गधेड़ों की चुत्तड़ पे डायरेक्ट दुलत्ती मार दी है और शेर-बाघ और तेंदूए का बखान कर दिया।
निजाम ने तो बधाई देते हुए साफ कर दिया कि इस प्रयास को आगे भी जारी रखना है और बाघ, शेर, तेंदुए समेत सभी वन्यजीवों के लिए सुरक्षित ठिकाना सुनिश्चित करना है।
निजाम ने कहा- भारत में साल 2018 में तेंदुओं की संख्या 12,852 थी, जिनमें से सबसे अधिक 3,421 तेंदुए मध्य प्रदेश में पाए गए। कर्नाटक में इनकी संख्या 1,783 और महाराष्ट्र में 1,690 है, लेकिन गुजरात में कितने हैं…यह नहीं बताया… अरे हां….निजाम ने पूर्वोत्तर के पहाड़ी क्षेत्र में सिर्फ 141 तेंदुए पाए जाने की बात भी कही, लेकिन अपने गधेड़ों की फौज की संख्या बता नहीं पाए….मतबल करोड़ों में नव गधेड़ों की फौज जो बनी है, उनको पहचानते भी नहीं हैं….
तो नए-पुराने गधेड़ों, अब तुम्हारा का क्या होगा बे…तलुए भी चाटने को नहीं मिलेगा रे….

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