गधों की फौज का जिक्र नहीं, तेंदुआ, शेर और बाघ का बखान
बाघों, शेरों के बाद अब तेंदुओं की संख्या बढ़ना ‘बहुत अच्छी खबर’, लेकिन देश में दो दशक में जो गधों की फौज बढ़ी व बनी है, उसके बारे में चुप्पी साध गए जुमलेश्वर बाबू। यह खबर सुनकर अंधभगतों के सिर पर कौन सी बिजली गिरी होगी, कह नहीं सकता…। वइसे, निजाम साहिब ने कुरसी पर बैठते ही गधा अभयारण्य की सैर कराए थे बहुत से लोगन को…लेकिन अब भुलाय बिसराय दिया…काहें बे…
हम बताए दे रहे हैं….हमाए जो निजाम बाबू शा हैं ना,…..बहुतै शातिर व चालाक हैं…। बताइऐ जिन गधेड़ों की बदौलत आज तक सत्ता का मजा चख रिए हैं, उनका जिक्र तक नहीं किए…ये तो भौकालियों व अंधभगतों की गधा टोली के लिए डूब मरने वाली बात हो गई…।
हमाए शातिर निजाम ने भारत में बाघों और शेरों के बाद अब तेंदुओं की संख्या बढ़ने को ‘बहुत अच्छी खबर’ बताया और इसके लिए वन्यजीव संरक्षण के लिए काम करने वाले सभी लोगों को बधाई भी दी। लेकिन गधेड़ों को भूल गए….आखिर क्यों भूल गए….क्या अब गधेड़ों की जरूरत नहीं रही….।
कमाल है….उन्होंने गधेड़ों की फौज में शामिल गोदी मीडिया और अंधभक्तों की टोली का कउनो जिक्र तक नहीं किया…
क्यों भिया, अब का करोगे बै…. चुल्लू भर पानी में डूब मरो बे…तुम्हारे बाप ने तुम्हें दुलत्ती मार के ठेल दिया है… परे….