लखनऊ। उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने जनपद बांदा में मासूम से दरिंदगी की घटना को बेहद गंभीरता से लिया है। आयोग ने मामले को स्वत: संज्ञान लेकर जनपद के पुलिस अधीक्षक को चार सप्ताह में जांच कराकर जांच आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति के. पी. सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया प्रकरण मानवाधिकार के हनन का प्रत्यक्ष उदाहरण प्रतीत होता है। आयोग ने इसे स्वतः संज्ञान में लेकर बांदा के पुलिस अधीक्षक को चार सप्ताह में इस मामले की जांच कराकर जांच रिपोर्ट आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
उल्लेखनीय है कि बांदा में बिसंडा थाना क्षेत्र के एक गांव में घर में घुसकर पड़ोसी युवक ने मासूम के साथ हैवानियत की थी। आरोपी युवक ने घर में अकेली देख आठ साल की बच्ची को अपनी हवश का शिकार बनाया। दुष्कर्म करने के बाद वह घटना स्थल से भाग निकला। पुलिस ने गम्भीर हालत में बच्ची को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से कानपुर रेफर कर दिया गया। आरोपित युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है।