इसरो प्रमुख बोले- गगनयान मिशन पर तेजी से चल रहा है काम
समाचार प्रहरी, मुंबई
भारत के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण में कोरोनो वायरस महामारी बाधा बन गई है। इसरो प्रमुख के. सिवन ने कहा है कि चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण अब अगले साल यानी वर्ष 2022 में होने की संभावना है। चंद्रयान-3 में अपने पूर्ववर्ती यानों की तरह ‘ऑर्बिटर’ नहीं होगा। चंद्रयान-2 के साथ भेजे गए ऑर्बिटर को ही चंद्रयान-3 के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इस प्रक्षेपण यान को पहले साल 2021 में ही प्रक्षेपित किया जाना था, लेकिन कोविड-19 लॉकडाउन की वजह से चंद्रयान-3 और देश के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ सहित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की कई प्रोजेक्ट भी प्रभावित हुए हैं।
22 जुलाई 2019 को लॉन्च हुआ था चंद्रयान-2
चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण 22 जुलाई 2019 को हुआ था। इसे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में ‘रोवर’ उतारने के लिए भेजा गया था। हालांकि, चंद्रयान-2 का लैंडर ‘विक्रम’ 7 सितंबर 2019 को ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने में सफल नहीं रहा और पहले ही प्रयास में यह सफलता अर्जित करने का भारत का सपना अधूरा रह गया।
बता दें कि इसरो के लिए चंद्रयान-3 भी एक महत्वपूर्ण मिशन है, जो अंतरग्रहीय ‘लैंडिंग’ में भारत के लिए आगे का मार्ग प्रशस्त करेगा। सिवन ने कहा कि गगनयान परियोजना के तहत इस साल दिसंबर में इसरो के प्रथम मानवरहित मिशन को अंजाम देने की योजना है, जिसे पिछले साल दिसंबर में ही अंजाम दिया जाना था। उन्होंने कहा कि एक और मानवरहित मिशन को अंजाम दिया जाएगा। गगनयान परियोजना के तहत साल 2022 तक तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना है। इस मिशन के लिए चार ‘टेस्ट पायलट’ चुने गए हैं, जो इस समय रूस में प्रशिक्षण ले रहे हैं।