मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोरोना महामारी से मुकाबला करने के लिए आम जनता के साथ ही सर्व दलीय नेताओं एवं सामाजिक संगठनों से एकजुट होकर काम करने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि मुंबई मनपा प्रशासन और नागरिकों के बीच एक कड़ी के रूप में काम करते हुए, स्वयंसेवी संस्थाओं को भी वार्ड स्तर पर जांच इकाइयों को स्थापित करना चाहिए। विशेष रूप से झोपड़पट्टियों में घर घर जाकर जांच मुहिम शुरू कर मुंबई को कोरोना मुक्त बनाने की पहल करनी होगी। मुख्यमंत्री ने मनपा के सहायक आयुक्त को भी इन समितियों को वार्ड स्तर पर पंजीकृत करने के निर्देश दिए हैैं।
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुंबई मनपा के अधिकारियों और स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को संबोधित किया। उन्होंने मुंबई के स्लम एरिया में कोरोना संक्रमण को रोकने और बारिश से होने वाली बीमारियों के इलाज के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। बैठक में परिवहन मंत्री अनिल परब, बीएमसी आयुक्त आई.एस. चहल, मनपा के वरिष्ठ अधिकारी और स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि नागरिकों और प्रशासन के बीच एक कड़ी के रूप में काम करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं की यह प्रणाली मुंबई में स्थायी रूप से काम करना जारी रखेगी। अगर नागरिक, स्वयंसेवी संस्था और प्रशासन एकजुट होते हैं, तो हम निश्चित रूप से कोरोना संकट का मुकाबला कर सकेंगे। ग्रामीण स्तर पर भी कोरोना सतर्कता समितियों का गठन करने के निर्देश दिए गए हैं। मानसून जनित महामारी को नियंत्रित करने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं की टीम के सहयोग से सड़कें, निर्माणाधीन इमारतें, पुल निर्माण को कीटाणुरहित किया जाना चाहिए। मच्छर मारने की दवा व कीटनाशक का छिड़काव किया जाना चाहिए। दिल्ली से आई केंद्रीय टीम ने मुंबई में झोपड़पट्टियों का निरीक्षण करने के बाद, मुख्य रूप से सार्वजनिक शौचालयों की सफाई का मुद्दा उठाया था। सार्वजनिक शौचालयों को दिन में छह बार कीटाणुरहित करके, हम धारावी जैसे क्षेत्रों में कोरोना की घटनाओं को नियंत्रित करने में सफल हुए थे। उसी तरह, मच्छरों के उन्मूलन के लिए आवश्यक दवाओं का छिड़काव करना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के कारण मृत्यु दर को कम करने के लिए हमारे पास महत्वपूर्ण कार्य हैं। निजी डॉक्टरों को सहयोग की भूमिका निभानी चाहिए। डॉक्टरों की सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। मनपा आयुक्त चहल ने कहा कि वर्ष 2001 से 2013 तक दस्तक बस्ती योजना तो वर्ष 2013 से स्वच्छ मुंबई प्रबोधन अभियान मुंबई में चलाया जा रहा है। धारावी में कोरोना की सफलता में सार्वजनिक शौचालयों की स्वच्छता सबसे महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक था। मुंबई में स्वंयसेवी संस्थांओ के 838 समूह औऱ उनके द्वारा 11 हजार लोग काम कर रहे हैं।