नई दिल्ली। कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक करीब सात घंटे के बाद खत्म हो गई है। बैठक में फैसला लिया गया है कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने सोनिया गांधी से कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष बने रहने की अपील की है। सूत्रों ने बताया है कि अगले छह महीने के अंदर पार्टी को नया प्रमुख चुनना होगा। बैठक में पार्टी के अंदरूनी मसलों पर चर्चा के लिए आम सहमति बनाने, पार्टी के मंच पर ही चर्चा करने व अनुशासन बनाए रखने की अपील की गई है।
सूत्रों से जानकारी मिली है कि सोनिया गांधी पर काम का बोझ कम करने के लिए कुछ पार्टी नेता उनके साथ जोड़े जाएंगे। बैठक में कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने एक साल का समय देने की बात कही, लेकिन राहुल और प्रियंका ने अगले 6 महीने में नए अध्यक्ष की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही। अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी ने भावुक अंदाज में कहा, “घटनाक्रम (सोनिया गांधी की बीमारी के वक्त सीनियर नेताओं द्वारा चिट्ठी लिखने और जवाब के लिए रिमाइंडर भेजने) से मैं आहत हुआ, आखिर मैं बेटा हूं।”
बैठक में लगभग सभी नेताओं ने राहुल गांधी को अगला अध्यक्ष बनाने की भी मांग की। कुछ नेताओं ने संगठन में बदलाव की मांग की। बैठक में वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने आनंद शर्मा पर चिट्ठी का ड्राफ्ट बनाने का आरोप लगाया, वहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सबकी बात सुनी जानी चाहिए। बता दें सोमवार सुबह से चल रही कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में शुरुआत से ही घमासान की स्थिति बनी हुई थी। कांग्रेस के नए अध्यक्ष को चुनने के लिए आयोजित की गई इस बैठक की शुरुआत से पार्टी के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया।
राहुल ने नेताओं पर लगाए आरोप
सूत्रों के मुताबिक जहां एक ओर राहुल गांधी ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व को लेकर सवाल उठाने वालों पर बीजेपी से मिलीभगत का आरोप लगाया तो वहीं गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल इस्तीफे की पेशकश कर दी। सिब्बल ने आरोपों को लेकर ट्वीट कर अपना दुख व्यक्त किया। हालांकि बाद में उन्होंने इस पर सफाई पेश करते हुए ट्वीट डिलीट कर दिया।
इससे पहले सोनिया गांधी ने सोमवार को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में पद छोड़ने की पेशकश की और कहा कि सीडब्ल्यूसी नया अध्यक्ष चुनने के लिए प्रक्रिया आरंभ करे। सीडब्ल्यूसी की बैठक आरंभ होने के बाद सोनिया ने कहा कि वह अंतरिम अध्यक्ष का पद छोड़ना चाहती हैं और उन्होंने संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को विस्तृत जवाब भेजा। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कुछ अन्य नेताओं ने उनसे आग्रह किया कि वह पद पर बनी रहें। सोनिया गांधी ने गुलाम नबी आजाद और पत्र लिखने वाले कुछ नेताओं एवं उनकी ओर से उठाए गए मुद्दों का हवाला दिया।