-विकास निधि बढ़ाने का सर्वदलीय विधायकों ने किया स्वागत
-तिजोरी पर 350 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ
प्रहरी संवाददाता, मुंबई
महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार के एक फैसले का सर्वदलीय विधायकों ने बिना किसी विरोध के समर्थन किया है। वित्त मंत्री अजित पवार ने जैसे ही विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए 4-4 करोड़ रुपये और पूरा वेतन देने की घोषणा की, सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी विधायकों के चेहरे खिल उठे। विकास निधि बढ़ाने का सर्वदलीय विधायकों ने स्वागत किया है। हालांकि सरकार के इस फैसले से तिजोरी पर 350 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
बता दें कि कोरोना का हवाला देकर आर्थिक मंदी का रोना रोने वाली राज्य सरकार ने अब जनप्रतिनिधियों को मिलनेवाली विकास निधि को तीन करोड़ रुपये सालाना से बढ़ाकर चार करोड़ रुपये कर दिया है। ई-टेंडरिंग की सीमा भी तीन लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया है। साथ ही विधायकों को पूरा वेतन भी देने की घोषणा की। कोरोना काल में विधायकों के वेतन में सरकार ने पहले 30 प्रतिशत की कटौती कर दी थी। बुधवार को वित्तमंत्री पवार ने कहा कि राज्य में पूर्व भाजपा सरकार ने साल 2014 में 3 लाख रुपये से अधिक राशि के कामों के लिए ई-टेंडरिंग अनिवार्य किया था, लेकिन विधानमंडल के दोनों सदनों के विधायकों की मांग थी कि यह सीमा बढ़ाई जाए। इसलिए राज्य में अब 10 लाख रुपये तक के कामों के लिए ई टेंडर की आवश्यकता नहीं होगी।