जीएसटी अधिकारियों ने आईटीसी मामले में दो अधिकारिय़ों पर की कार्रवाई
मुंबई। एस्सेल समूह की कंपनियों को मुखौटा कंपनियों के जरिये 392 करोड़ रुपये का इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) देने के मामले में जीएसटी अधिकारियों ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। वस्तु और सेवा की वास्तविक आपूर्ति के बिना ही आईटीसी दिया गया था। केंद्रीय माल एवं सेवा कर (सीजीएसटी) आयुक्तालय ने जाली कंपनियों के नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। इन जाली कंपनियों का परिचालन नरेश धौंढियाल और देवेंद्र कुमार गोयल के साथ सांठगाठ में किया जा रहा था। गोयल पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट है।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि धौंढियाल और गोयल दोनों एस्सेल समूह के पूर्व कर्मचारी हैं। हालांकि, दोनों अभी कंपनी के साथ नहीं जुड़े हैं, लेकिन वे समूह को आईटीसी दे रहे थे। मंत्रालय ने कहा कि मुखौटा और जाली कंपनियों के जरिये एस्सेल समूह को वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति के बिना आईटीसी देने के लिए कई फर्जी कंपनियों का गठन किया गया था। मंत्रालय ने कहा कि यह काम एस्सेल समूह को गलत तरीके से आईटीसी देने, आयकर से बचने के लिए खर्च दिखाने और कंपनियों के शेयर मूल्य बढ़ाने के लिए कारोबार को बढ़ाकर दिखाने के लिए किया गया। धौंढियाल ने जहां एस्सेल समूह के लिए कई फर्जी कंपनियां बनाईं। वहीं गोयल ने अन्य मुखौटा कंपनियों के जरिये जाली इन्वॉयस या बिलों की व्यवस्था की। धौंढियाल और गोयल को 18 मार्च तक 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस मामले में आगे जांच जारी है।