December 9, 2024
ताज़ा खबर
OtherTop 10बिज़नेसभारतराज्य

अनिल अंबानी ने बताया, ‘गहने बेचकर कर भर रहा हूं वकीलों की फीस’

चीनी बैंक कर्ज भुगतान में असफल, ब्रिटेन की अदालत में चल रहा है मुकदमा

लंदन। देश के टॉप उद्योगपतियों में शामिल अनिल अंबानी की आर्थिक हैसियत अब ऐसी हो गई है कि अपने वकीलों की फीस भरने के लिए उन्हें गहने तक बेचने पड़ रहे हैं। कर्ज के बोझ तले दबे उद्योगपति अनिल अंबानी ने ब्रिटेन की एक अदालत को यह बात बताई। उन्होंने कहा कि वह इस साल अब तक 10 करोड़ रुपए की ज्वैलरी बेच चुके हैं।

बता दें कि चीनी बैंक के कर्ज भुगतान में असफल रहने और खुद को दिवालिया घोषित करने के बाद ब्रिटेन के हाई कोर्ट ने अनिल अंबानी को अपनी संपत्ति का ब्यौरा पेश करने का निर्देश दिया था।

छह महीने में 9.9 करोड़ की ज्वेलरी बेची
अनिल अंबानी ने अदालत में कहा कि इस साल जनवरी से जून महीने के बीच उन्होंने 9.9 करोड़ रुपये कीमत के गहने बेचे हैं।अब उनके पास कोई कीमती सामान नहीं बचा है। लग्जरी कारों के बेड़े के बारे में मीडिया में जो खबरें आ रही हैं, वह अफवाहें हैं। उनके पास कभी रॉल्स रॉयस नहीं थी। वह सिर्फ एक कार का उपयोग कर रहे हैं।

कोर्ट ने कहा था- संपत्तियों का ब्योरा दें अंबानी
ब्रिटेन के हाई कोर्ट ने 22 मई 2020 को अंबानी से कहा था कि वह चीन के तीन बैंकों को 12 जून 2020 तक 71,69,17,681 डॉलर (करीब 5,281 करोड़ रुपये) कर्ज की रकम और 50,000 पाउंड (करीब 7 करोड़ रुपये) बतौर कानूनी खर्च के रूप में भुगतान करें।
इसके अलावा 15 जून को इंडस्ट्रियल एंड कॉमर्शियल बैंक ऑफ चाइना की अगुआई में चीनी बैंकों ने अनिल अंबानी की संपत्तियों का खुलासा करने की मांग की थी। 29 जून को मास्टर डेविसन ने अंबानी को हलफनामा के सभी संपत्तियों का खुलासा करने का आदेश दिया था, जिनकी कीमत 1,00,000 लाख डॉलर (करीब 74 लाख रुपये) से ज्यादा है। चीनी बैंक ने कहा कि वह अंबानी के खिलाफ बाकी सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करेगा।

Related posts

यूपी में ‘समाजवादी इत्र’ बनाने वाले कारोबारी के घर रेड

samacharprahari

ओरिगो जुटाएगा 20 मिलियन डॉलर का फंड

Prem Chand

पारिवारिक हास्य नाटक ‘मरता क्या न करता !!’ का सफल मंचन

Prem Chand

बिहार के पश्चिम चंपारण में 4 नक्सली ढेर, एक इंस्पेक्टर हुआ घायल

Prem Chand

कोस्टल रोड के लिए टाटा गार्डन के पेड़ काटने पर रोक

Prem Chand

सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य के रूप में भारत का दो साल का कार्यकाल शुरू

samacharprahari