✍🏻 प्रहरी संवाददाता, मुंबई, 24 मई। नीति आयोग की नई दिल्ली में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ‘विकसित भारत-2047’ के राष्ट्रीय लक्ष्य को साकार करने के लिए महाराष्ट्र केंद्र और अन्य राज्यों के साथ ‘विकास और विरासत’ के विजन के साथ पूरी ताकत से तैयार है। उन्होंने ऐलान किया कि 2030 तक राज्य की 52% ऊर्जा हरित स्रोतों से प्राप्त होगी।
फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र 2047 का विजन तीन चरणों में तैयार हो रहा है। 100 दिनों के सुशासन कार्यक्रम में 700 से अधिक लक्ष्य पूरे किए गए। अब 150 दिनों का नया कार्यक्रम शुरू हुआ है, जो 2029, 2035 और 2047 के लिए लक्ष्य निर्धारित करता है। 2030 तक 1 ट्रिलियन और 2047 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र ने 2024-25 की पहली तिमाही में 1.39 लाख करोड़ रुपये का विदेशी निवेश हासिल किया। दावोस में 15.96 लाख करोड़ रुपये के समझौते हुए, जिनमें 50% पर काम शुरू हो चुका है। एमएमआर क्षेत्र को 1.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की योजना है। गडचिरोली स्टील सिटी, नागपुर रक्षा हब, अमरावती टेक्सटाइल क्लस्टर और दिघी में स्मार्ट इंडस्ट्रियल सिटी विकसित हो रही हैं।
फडणवीस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के सहयोग की सराहना की। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए भारतीय सेना और पीएम मोदी को हार्दिक बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र की प्रगति का खाका खींचते हुए बताया कि राज्य ने 45,500 मेगावाट ऊर्जा खरीद के समझौते किए, जिनमें 36,000 मेगावाट हरित ऊर्जा शामिल है। मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 के तहत 10,000 कृषि फीडरों पर 16,000 मेगावाट की परियोजनाएं शुरू हुई हैं, जिनमें 1,400 मेगावाट चालू हो चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि दिसंबर 2026 तक किसानों को दिन में 100% सौर ऊर्जा मिलेगी। 100 गाँवों में सौर ग्राम योजना चल रही है, जिसमें 15 गाँव पूरी तरह सौर ऊर्जा ग्राम बन गए। पंप स्टोरेज नीति के तहत 15 समझौतों से 62,125 मेगावाट क्षमता और 3.42 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा, जिससे 96,190 रोजगार सृजित होंगे।
राज्य के 60 लाख से अधिक एमएसएमई पंजीकृत हैं, जो देश में सर्वाधिक है। मुंबई में वेव्हज परिषद में 5,000 करोड़ रुपये के समझौते हुए। 2027 में नासिक के सिंहस्थ कुंभमेले के लिए केंद्र से सहायता की अपेक्षा है।