– 35749 करोड़ रुपये की आय और 59954 करोड़ रुपये व्यय वाला बजट पेश
– बीएमसी को तोड़नी पड़ेगी फिक्स्ड डिपॉजिट
प्रहरी संवाददाता, मुंबई। आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनावी साल के बीच शुक्रवार को वर्ष 2024-25 के लिए 59,954.75 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया। बीएमसी का बजटीय अनुमान पिछले वर्ष की तुलना में 13.93 प्रतिशत अधिक यानी 7335 करोड़ रुपये ज्यादा है। वर्ष 2023-24 में बजट अनुमान 52619.07 करोड़ रुपये रहा था।
बजट में महिला सुरक्षा के लिए 100 करोड़ रुपये, पर्यावरण और बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए 178 करोड़ रुपये के साथ ही मुंबई शहर में 2000 इलेक्ट्रिक बसें शुरू करने का प्रावधान किया गया है। बजट में मुंबई के बुनियादी ढांचे के निर्माण और सुधार के लिए 45759.21 करोड़ रुपये और तटीय सड़कों के लिए 2900 करोड़ रुपये रखे गए हैं।
खास बात यह है कि बजट में सिविक टेक स्टार्टअप के लिए भी 10 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। बीएमसी इस श्रेणी में बजट में रुपये आवंटित करने वाला देश का पहला नगर निगम बन गया है। मुंबई में सिविक टेक स्टार्टअप प्रोक्योरमेंट पॉलिसी अपनाई जाएगी।
मनपा आयुक्त एवं प्रशासक आई. एस. चहल ने मुंबईकरों पर कोई नया बोझ न डालते हुए बजट में भरपूर घोषणाएं की हैं। बजट में विकास कार्यों पर 31774.59 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है, जो बजट के 53 प्रतिशत से अधिक है।
हालांकि, वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अनुमानित राजस्व आय 35749.03 करोड़ प्रस्तावित है, जो 2023-24 के बजट अनुमान से 2459 करोड़ रुपये अधिक है। वहीं, वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए राजस्व आय का बजट अनुमान 33290.03 करोड़ प्रस्तावित किया गया था, जिसे संशोधित कर 32897.68 करोड़ कर दिया गया है। हालांकि 31 दिसंबर 2023 तक प्राप्त वास्तविक आय 19231.55 करोड़ रहा है।
इंटरनल ट्रांसफर के तहत बीएमसी विकास कार्यों के लिए 30,000 करोड़ रुपये निकालेगी। इसमें बैंकों में जमा एफडी में से 11,627 करोड़ सहित अन्य स्रोतों से रुपये निकाले जाएंगे।
महाराष्ट्र के बाहर से आने वाले मरीजों के लिए 'अलग शुल्क संरचना' लागू की जाएगी। महानगर पालिका अस्पतालों में बाहर से आने वाले मरीजों के लिए सभी सुविधाएं मौजूद होंगी। हालांकि, इस साल बाहर से आने वाले मरीजों के लिए अलग से स्ट्रक्चर तैयार कर अध्ययन किया जाएगा। कुल मिलाकर तीन अलग-अलग संरचनाएं होंगी, एक महाराष्ट्र से आने वाले मरीजों के लिए, दूसरी मुंबई के बाहर से आने वाले मरीजों के लिए और तीसरी मुंबई से आने वाले मरीजों के लिए।
यहां से होगी बीएमसी की कमाई
बता दें कि बीएमसी ने वर्ष 2024-25 में 35749 करोड़ रुपये कमाई का लक्ष्य रखा है। बीएमसी की आय के प्रमुख स्रोतों में ऑक्ट्रॉय, प्रॉपर्टी टैक्स, वाटर टैक्स, सीवरेज टैक्स शामिल हैं, लेकिन इस बजट में कमिश्नर ने आय के नए स्त्रोतों पर ध्यान नहीं दिया। हालांकि बीएमसी को उम्मीद है कि ऑक्ट्रॉय के बदले जीएसटी से साल 2024-25 में 13331.63 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा।
इसी तरह, प्रॉपर्टी टैक्स से 4950 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है। डीपी फीस और प्रीमियम से 5800 करोड़, विभिन्न बैंकों में फिक्स डिपॉजिट से 2206 करोड़ रुपये, वॉटर एवं सीवरेज चार्ज के रूप में 1923 करोड़ रुपये प्राप्त होने का अनुमान है। वहीं, राज्य सरकार से अनुदान के रूप में 1248 करोड़ रुपये, सुपरविजन चार्ज के रूप में 1681 करोड़ और अन्य स्रोतों से 4607 करोड़ रुपये बीएमसी को मिलेंगे।
राज्य सरकार से बकाया भुगतान की उम्मीद
कमिश्नर चहल ने राज्य सरकार के बकाया 8936 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद जताई है। इसमें सहायता अनुदान और प्रॉपर्टी टैक्स का बकाया भुगतान भी शामिल है। एसडीआरएफ के तहत कोरोना संकट के दौरान खर्च किए गए कुल 4156 करोड़ रुपये की मांग की गई है। राज्य सरकार से बीएमसी को 500 करोड़ रुपये वार्षिक मिलने की संभावना है।
बीएमसी कमिश्नर ने बताया कि 2 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं अगले कुछ वर्षों में पूरी की जाएंगी। बीएमसी की प्रॉपर्टी को डेवलप कर हर साल प्रशासन को 10,000 करोड़ रुपये की कमाई होने की उम्मीद है। सलाहकार फर्म ने बीएमसी की प्रॉपर्टी का मूल्य 3 लाख करोड़ रुपये आंका है, अभी हम बिल्डरों से केवल प्रीमियम ही ले पा रहे हैं।