मुंबई। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कहा है कि कोविड-19 संक्रमण के घटते मामले तथा पाबंदियों में ढील से वित्त वर्ष 2021-22 में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.5 प्रतिशत रह सकती है।
रेटिंग एजेंसी के अनुसार, आधार मूल्य (2011-12 के स्थिर मूल्य) पर सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) चालू वित्त वर्ष में 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। सीपीआई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) और डब्ल्यूपीआई (थोक मूल्य सूचकांक) मुद्रास्फीति औसतन क्रमश: 5.2 प्रतिशत और 9.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। बाजार मूल्य पर जीडीपी वृद्धि दर 2021-22 में 15 से 16 प्रतिशत रहने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2020-21 में देश की जीडीपी में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई है।
इक्रा की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बाद विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन लागू किया गया था। इसके प्रभाव को अप्रैल-मई 2021 के दौरान उच्च आवृति वाले विभिन्न संकेतकों में देखा गया। कोविड मरीजों की संख्या में कमी आने और पाबंदियों में ढील दिए जाने के बाद हमारा अनुमान है कि देश की जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2021-22 में 8.5 प्रतिशत रहेगी। टीकाकरण अभियान में तेजी आती है, तो तीसरी और चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन अच्छा रहेगा और जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 9.5 प्रतिशत तक जा सकती है।