✍︎ प्रहरी संवाददाता, नई दिल्ली | ऑपरेशन सिंदूर के बाद सोमवार रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया, लेकिन इस संबोधन से ठीक पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आया एक बयान केंद्र सरकार की विदेश नीति को कठघरे में खड़ा कर गया। ट्रंप ने दावा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर अमेरिका की 48 घंटे की कूटनीतिक पहल का नतीजा है। इसके बाद कांग्रेस ने सरकार की चुप्पी और प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया के अभाव को लेकर तीखा हमला बोला।
कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री का लंबे समय से टलता आ रहा राष्ट्र के नाम संबोधन ट्रंप के बयान की छाया में दबकर रह गया। “पीएम मोदी ने ट्रंप के किसी दावे पर एक शब्द नहीं कहा। क्या भारत ने अमेरिका की मध्यस्थता स्वीकार कर ली है? क्या हम पाकिस्तान से किसी तटस्थ स्थान पर बातचीत को तैयार हैं?”
रमेश ने यह भी पूछा कि अगर विदेश सचिव कह रहे हैं कि सीजफायर सैन्य अधिकारियों के बीच सीधी बातचीत का नतीजा था, तो फिर ट्रंप और उनके अधिकारियों के दावे कहां से आ रहे हैं?
ट्रंप ने शनिवार देर रात ‘ट्रुथ सोशल’ पर दावा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम वॉशिंगटन की पहल पर हुआ। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने भी बातचीत में शामिल होने की बात दोहराई। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापक मुद्दों पर बातचीत किसी तटस्थ स्थल पर जल्द शुरू होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि “आतंक और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते”, साथ ही सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार का संकेत भी दिया। लेकिन ट्रंप के दावे पर उनकी चुप्पी ने विपक्ष को सरकार की विदेश नीति पर हमला करने का अवसर दे दिया है।