सस्ते लोन के लिए अभी और इंतजार
प्रहरी संवाददाता, मुंबई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक बार फिर से रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला किया है। 8 दिसंबर को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मॉनिटरी पॉलिसी की समीक्षा बैठक के नतीजों का ऐलान किया। ब्याज दर 6.5 फीसदी पर बना हुआ है।
दूसरी तिमाही में उम्मीद से बेहतर जीडीपी के आंकड़े , महंगाई दर में नरमी को देखते हुए आरबीआई ने रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का फैसला किया। गवर्नर दास ने कहा कि नवंबर में पीएमआई बढ़ा है, वहीं जीएसटी कलेक्शन में भी ग्रोथ देखने को मिली है।
भले ही लोगों को ब्याज दरों में कटौती का लाभ नहीं मिला हो, लेकिन यूपीआई ट्रांजैक्शन को लेकर बड़ा बदलाव किया है। आरबीआई ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस ( UPI) पेमेंट की लेनदेन सीमा को बढ़ा दिया है। यूपीआई ट्रांजैक्शन लिमिट को 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है।
लोगों को उम्मीद थी कि इस बार रिजर्व बैंक रेपो रेट में कटौती कर सस्ते लोन का तोहफा देगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सस्ते लोन के लिए अभी लोगों को और इंतजार करना होगा।
एमपीसी के 6 में से 5 सदस्य ब्याज दरों में बदलाव न करने के फैसले के पक्ष में रहे। रेपो रेट के साथ ही स्थायी जमा सुविधा और सीमांत स्थायी सुविधा दरों को भी स्थिर रखा गया है। स्टैडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी को 6.25 फीसदी पर है, जबकि मार्जिनल स्टैडिंग फैसिलिटी को 6.75 फीसदी पर बरकरार रखा गया है।
पांचवी बार नहीं बदला रेपो रेट
बता दें ये लगातार पांचवीं बार है जब केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने फरवरी 2023 में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 फीसदी किया था। इसके बाद आरबीआई ने अप्रैल से लेकर अक्टूबर के बीच ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।