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शेयर मार्केट से 113000000000000 निकालकर फुर्र हो गए विदेशी निवेशक

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भारतीय बाजारों से भरोसा टूट रहा है, चीन की पकड़ रहे हैं राह

प्रहरी संवाददाता, मुंबई। भारतीय शेयर बाजार इन दिनों गंभीर आर्थिक दबाव में है। लगातार गिरावट के दौर से गुजर रहे शेयर बाजार में निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। खासकर विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) द्वारा भारी मात्रा में पूंजी निकालने से भारतीय बाजार कमजोर पड़ता जा रहा है।

ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, विदेशी निवेशक भारत से पैसा निकालकर चीन और अन्य एशियाई बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे भारतीय शेयर बाजार की हालत और नाजुक होती जा रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, विदेशी निवेशक अब तक भारतीय शेयर मार्केट से 1.3 ट्रिलियन डॉलर (करीब 113 लाख करोड़ रुपये) निकाल चुके हैं। यही वजह है कि वैश्विक फंड मैनेजर अभी भी भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने से हिचकिचा रहे हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था में मंदी, कंपनियों के मुनाफे में कमी और अमेरिका की ओर से लगाए जा सकने वाले टैरिफ की चुनौतियां बनी हुई हैं। एशियाई बाजारों में निवेश करने वाले व्यापारी अब सस्ते चीनी शेयरों की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। चीनी शेयर बाजार में तेजी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास की वजह से आई है।

-विदेशी निवेशकों की भारी निकासी

भारतीय बाजार से 1.3 ट्रिलियन डॉलर (113 लाख करोड़ रुपये) पहले ही निकाले जा चुके हैं। यह प्रवृत्ति जारी रही तो भारतीय बाजार को और नुकसान हो सकता है।

गिरावट के प्रमुख कारण:

👉 भारतीय अर्थव्यवस्था की धीमी गति
👉 कोविड-19 के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ दर धीमी हो गई है।
👉 लोगों की खर्च करने की क्षमता कम हुई है, जिससे बाजार पर असर पड़ा है।

 

कंपनियों के मुनाफे में गिरावट

👉 भारतीय कंपनियों की तिमाही कमाई उम्मीद से कम रही है।
👉 इससे निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ है।

अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक अनिश्चितता

👉 अमेरिका द्वारा लगाए जा सकने वाले टैरिफ से वैश्विक निवेशक सतर्क हैं।
👉 इससे भारतीय बाजार पर दबाव बढ़ गया है।

चीन का बढ़ता आकर्षण

👉 चीन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और टेक सेक्टर में उछाल आया है।
👉 वहां के शेयर अपेक्षाकृत सस्ते होने के कारण निवेशक भारत की बजाय चीन में पैसा लगा रहे हैं।

चीन क्यों बन रहा है निवेशकों की पहली पसंद?

पहले यह उम्मीद थी कि विदेशी निवेशक चीन से निकलकर भारत की ओर आएंगे, लेकिन अब इसके विपरीत हो रहा है।
👉 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और टेक्नोलॉजी सेक्टर में उछाल – चीन की टेक्नोलॉजी कंपनियों में निवेश बढ़ा है।
👉 सस्ते शेयर – भारतीय बाजार की तुलना में चीन के शेयर ज्यादा आकर्षक लग रहे हैं।
👉 सरकार की नीतियां – चीनी सरकार निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए नई योजनाएं लागू कर रही है।

 

🔹 विदेशी निवेशकों की निकासी के आंकड़े (2024-2025 में अब तक)

📌 इस साल अब तक विदेशी निवेशकों ने 15 बिलियन डॉलर (1.37 लाख करोड़ रुपये) की निकासी की है।
📌 साल 2022 में 17 बिलियन डॉलर निकाले गए थे (रिकॉर्ड स्तर)
📌 मार्च 2025 में 7 मार्च तक 24,753 करोड़ रुपये की निकासी हो चुकी है।

अगर यह प्रवृत्ति जारी रही, तो 2022 का रिकॉर्ड भी टूट सकता है, जिससे भारतीय शेयर बाजार की हालत और खराब हो सकती है।

 

आगे क्या? भारतीय बाजार के लिए संभावनाएं

बाजार विश्लेषकों का मानना है कि अगर भारतीय सरकार और कंपनियां निवेशकों का भरोसा बहाल करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाती हैं, तो विदेशी पूंजी की निकासी जारी रह सकती है।
✅ बाजार में स्थिरता लाने के लिए सुधारों की जरूरत है
✅ नीतिगत फैसलों से निवेशकों को आकर्षित करने की कोशिश करनी होगी
✅ भारतीय अर्थव्यवस्था को दोबारा तेज रफ्तार से आगे बढ़ाने की जरूरत है


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