मुंबई। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने एक बयान में कहा है कि भारत में साल 2021 के दौरान 126 बाघों की मौत हो गई है। एनटीसीए के मुताबिक, इस साल सबसे ज्यादा 44 बाघों की मौत मध्य प्रदेश में हुई, इसके बाद महाराष्ट्र में 26 और कर्नाटक में 14 बाघों की मौत हुई। मध्य प्रदेश में हाल में हुई एक बाघ की मौत के कारणों की जांच की जा रही है।
बता दें कि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में बुधवार को एक बाघ मृत पाया गया था, जिससे राज्य में इस साल मरने वाले बाघों की संख्या बढ़कर 44 हो गई है। दो दिन पहले राज्य के डिंडोरी इलाके में कथित तौर पर जहर खाने से एक बाघिन की मौत हो गई थी।
एनटीसीए के एक अधिकारी ने कहा कि वर्ष 2021 में बाघों की मौत की संख्या में वृद्धि हुई है। बाघों की मौत की जांच जारी है। बाघों की सुरक्षा के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। लगभग 30 प्रतिशत बाघ अभयारण्य से बाहर हैं। अवैध शिकार करनेवालों को गिरफ्तार किा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मौत के कई कारण हो सकते हैं। बाघों की आबादी बहुत अधिक है और कारणों का पता लगाने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन किया जाता है। बाघ की मौत राज्य के साथ-साथ एनटीसीए की जांच के दायरे में है।