नई दिल्ली। रक्षा मामलों की संसदीय समिति के गठन के बाद से यह पहला मौका था, जब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इसमें हिस्सा लेने पहुंचे, उनके अलावा राकांपा नेता शरद पवार भी बैठक में शामिल रहे। भारत और चीन के बीच लद्दाख एलएसी पर जारी तनाव के बीच रक्षा मामलों की संसदीय समिति ने भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत को पेश होने के लिए बुलाया था। जनरल रावत सेना के अन्य अफसरों के साथ कमेटी के सामने पेश होने पहुंचे थे। उसी दौरान, बैठक में मौजूद राहुल गांधी ने कई सवाल पूछे।
गौरतलब है कि समिति के गठन के बाद से यह पहली बार था, जब राहुल गांधी इसकी बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे थे। राहुल ने सीडीएस से कई सवाल भी पूछे। केंद्र सरकार ने अब तक कई बार राहुल गांधी पर संसदीय समिति की बैठकों में शामिल न होने के लिए निशाना साधा है। राहुल ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल रावत से अफसरों और सैनिकों को मिलने वाले खाने और राशन के बारे में पूछताछ की।
बताया गया है कि रावत के साथ अफसरों की टीम ने उन्हें साफ कर दिया कि जवानों और अफसरों को दिए जाने वाले खाने में न कोई फर्क नहीं है। न ही मात्रा में और न ही गुणवत्ता में। इसके बाद राहुल ने तुरंत सीडीएस से चीन, पाकिस्तान, म्यांमार जैसे देशों और भारत में सेनाओं को मिलने वाले राशन और सर्द मौसम की जरूरतों की तुलना पर सवाल पूछा। इस पर अधिकारियों की टीम ने उन्हें बताया कि सैन्यबलों की जरूरतों और उनकी आपूर्ति के लिए लगातार तुलनात्मक अध्ययन किया जाता है और सप्लाईज को नियमित तौर पर अपडेट किया जाता है।
बता दें कि रक्षा मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष भाजपा के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जुअल ओरम हैं। इस समिति की मीटिंग में शुक्रवार को राहुल के अलावा राकांपा नेता शरद पवार भी शामिल हुए थे, जिन्होंने हाल ही में कहा है कि वे एलएसी पर जारी भारत-चीन के तनाव पर केंद्र सरकार से प्रेजेंटेशन देने की मांग करेंगे, ताकि लद्दाख की स्थिति का सही अंदाजा लगाया जा सके।