नई दिल्ली। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में 34 महिला कर्मियों की पहली टुकड़ी को जंगल युद्ध के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित कमांडो यूनिट ‘कोबरा’ में शामिल किया गया है। इन्हें जल्द ही देश के ऐंटी नक्सल अभियानों में तैनात किया जाएगा।
खुफिया सूचना आधारित जंगल युद्ध अभियानों के लिए साल 2009 में सीआरपीएफ में कमांडो बटालियन ‘कोबरा’ का गठन किया गया था। इसमें अब तक पुरुषकर्मी ही सेवा देते रहे हैं। कोबरा बटालियन के अधिकतर कमांडो माओवादी हिंसा से प्रभावित विभिन्न राज्यों में तैनात हैं, जबकि इसके कुछ कमांडो उग्रवाद रोधी अभियानों के लिए पूर्वोत्तर राज्यों में तैनात हैं।
कदारपुर गांव में सीआरपीएफ के शिविर में आयोजित एक कार्यक्रम में सीआरपीएफ महानिदेशक ए. पी. माहेश्वरी ने कमांडो के रूप में चुनी गईं महिलाओं के साहसिक कारनामे देखे। उन्होंने कहा कि लिंग आधारित धारणाओं एवं रूढ़िवादी सोच को पराजित करना अहम है। ये महिलाएं पहले तीन महीने के प्रशिक्षण से गुजरेंगी और फिर उन्हें सुकमा, दंतेवाड़ा तथा बीजापुर जैसे नक्सल प्रभावित जिलों में तैनात कोबरा इकाइयों में शामिल किया जाएगा।
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