वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में संसाधन जुटाने के लिए फंड की जरूरत
मुंबई। कोविड संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सरकार विनिवेश पर जोर दे रही है। संसाधन जुटाने को लेकर वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में केंद्र सरकार 7.24 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेने जा रही है। एक फरवरी को पेश बजट में सरकार ने एक अप्रैल 2021 से शुरू वित्त वर्ष में सकल 12.05 लाख करोड़ रुपये के ऋण की आवश्यकता होने का अनुमान लगाया है। सरकार राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए ऋण प्रतिभूति और ट्रेजरी बिल जारी कर बाजार से कर्ज लेती है।
आर्थिक मामलों के सचिव तरूण बजाज ने कहा, ‘बजट में हमने घोषणा की थी कि सकल कर्ज 12.05 लाख करोड़ रुपये और शुद्ध कर्ज 9.37 लाख करोड़ रुपये रहेगा। वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में हम 7.24 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेंगे जो सकल अनुमानित ऋण का 60.06 प्रतिशत है।’अगले वित्त वर्ष में पुराने कर्ज के भुगतान के मद में 2.80 लाख करोड़ रुपये की राशि लौटाने का अनुमान है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए कहा था, ‘बाजार से लिया जाने वाला सकल कर्ज करीब 12 लाख करोड़ रुपये रहेगा। हमने राजकोषीय मजबूती के रास्ते पर आगे बढ़ने की योजना बनाई है और राजकोषीय घाटा धीरे-धीरे कम करते हुए वर्ष 2025-26 तक जीडीपी के 4.5 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य है।’