विश्व बैंक की रिपोर्ट में दी गई है चेतावनी
कोरोना की वजह से 15 करोड़ लोग हो जाएंगे गरीब
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी ने दुनिया भर में सामाजिक और आर्थिक रूप से बड़ा नुकसान पहुंचाया है। विकासशील देशों के साथ विकसित देश की भी अर्थव्यवस्था वायरस की वजह से चरमरा गई है। विश्व बैंक ने कहा कि भारत की ओर से आंकड़ें जारी न करने पर वैश्विक गरीबी को पूर्ण रूप से पता लगाने में बाधा आ सकती है। विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि महामारी के कारण दुनिया भर में 15 मिलियन (15 करोड़) लोगों को अत्यंत गरीबी से जुझना पड़ सकता है।
विश्व बैंक ने महामारी से पैदा होनेवाले आर्थिक संकट को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। विश्व बैंक ने चेताया है कि साल 2021 तक 88 से 150 मिलियन लोगों को अत्यंत गरीबी का सामना करना पड़ सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य-आय वाले देशों में 82 फीसदी लोगों को घरेलू खर्च चलाने में समस्या आ सकती है। विश्व बैंक की द्वि-वार्षिक गरीबी एवं साझा समृद्धि रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 में गरीबी दर 7.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
बता दें कि कोरोना के कारण अब तक 219 देशों में 10 लाख 55 हजार 998 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महामारी और वैश्विक मंदी के कारण दुनिया की 1.4 फीसदी आबादी अत्यंत गरीबी से जूझ सकती है। विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष डेविड मलपास ने कहा कि विकास की प्रगति और गरीबी पर पार पाने के लिए देशों को पूंजी, श्रम, कौशल और नवचार को ध्यान में रखते हुए नए व्यवसायों और क्षेत्रों को उपलब्ध कराने की जरूरत है। इसके लिए एक अलग अर्थव्यवस्था के तैयार करने की आवश्यकता होगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के अभिसरण को नहीं रोका गया तो गरीबी खत्म करने के लक्ष्य के लिए साल 2030 तक इंतजार करना पड़ सकता है और साल 2030 तक वैश्विक गरीबी दर लगभग सात प्रतिशत हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, कम से कम 1.05 मिलियन लोगों की इस महामारी के चलते मौत हो चुकी है।