कर्ज के मोर्चे पर नहीं मिलेगी कोई राहत, जीडीपी ग्रोथ -7.5 पर्सेंट
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक शुक्रवार को समाप्त हो गई। केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने समिति द्वारा लिए गए फैसलों की घोषणा की। उन्होंने बताया कि केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। लगातार तीसरी बार नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने यह भरोसा दिलाया है कि जरूरत पड़ने पर भविष्य में इंटरेस्ट रेट्स में बदलाव किया जा सकता है। वित्त वर्ष 2021 में जीडीपी के -7.5 पर्सेंट का अनुमान लगाया गया है। अक्टूबर में इसके -9.5 पर्सेंट रहने का अनुमान लगाया गया था। केंद्रीय बैंक इस साल फरवरी से नीतिगत दर या रेपो दर में 1.15 फीसदी की कटौती कर चुका है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा करते हुए कहा कि नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। रेपो रेट 4 पर्सेंट ही रखा गया है। इस साल निवेशकों को कोई लाभांश नहीं दिया जाएगा। मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए गवर्नर दास ने कहा कि इस वित्त वर्ष तीसरी और चौथी तिमाही में तेज ग्रोथ रहेगी। इससे वर्ष 2021 में रियल जीडीपी -7.5% रहने का अनुमान है। इस वित्त वर्ष में भी जीडीपी ग्रोथ मानइस रहेगी।
हालांकि गवर्नर ने कहा कि शहरों में प्रोडक्ट्स और सर्विसेज की डिमांड धीरे-धीरे रप्तार पकड़ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में डिमांड बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष के सेकेंड हाफ में अर्थव्यवस्था में उम्मीद से अधिक तेज रिकवरी देखने को मिली है। इसके अलावा, केंद्रीय बैंक वित्तीय प्रणाली में जमाकर्ताओं के हितों को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है और वित्तीय बाजार क्रमबद्ध तरीके से काम कर रहे हैं।