नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन की जोर शोर से तैयारियां चल रही हैं। भूमि पूजन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई अतिथि मौजूद रहेंगे। इसी बीच, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के एक बयान से बवाल मच गया। स्वामी ने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राम मंदिर निर्माण में कोई योगदान नहीं है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का बड़ा योगदान है। पिछले पांच साल से प्रधानमंत्री की मेज पर राम सेतु निर्माण की फाइल पड़ी हुई है।”
दरअसल, भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी एक निजी कार्यक्रम में बोल रहे थे। राम मंदिर भूमि पूजन के लिए किसे और क्यों आमंत्रित किया जाना चाहिए था? इस पर उनसे सवाल पूछा गया था। इसका जवाब देते हुए स्वामी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी का राम मंदिर में कोई योगदान नहीं है। हमारे बीच तमाम चर्चाएं थीं। मेरी जानकारी के अनुसार, सरकार की ओर से कोई राम मंदिर के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यह निर्णय तो सुप्रीम कोर्ट का फैसला है।”
उन्होंने आगे कहा कि “राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग को लेकर पिछले पांच साल से एक फाइल प्रधानमंत्री मोदी के टेबल पर पड़ी है। लेकिन, उन्होंने अभी तक इस पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। मैं इसके लिए अब अदालत में अपील कर सकता हूं, लेकिन मुझे बुरा लगता है कि भले ही हमारी पार्टी सत्ता में है, हमें अदालत जाने की जरूरत पड़ रही है।”
सुब्रमण्यम ने यह बात भी जोर देकर कही कि अगर राजीव गांधी दूसरी बार प्रधानमंत्री बनते, तो अयोध्या में राम मंदिर तब बन जाता। राजीव गांधी ने विवादित स्थल को साफ करवा दिया था और राम मंदिर के लिए जमीनी प्रावधानों की अनुमति दी थी, लेकिन उनके असामयिक निधन ने कई चीजों को बदल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि “वास्तव में राम मंदिर के लिए सही मायनों में प्रयास दिवंगत कांग्रेस नेता राजीव गांधी, पी. वी. नरसिम्हा राव और अशोक सिंघल जैसे लोगो ने किया है।”