December 11, 2024
ताज़ा खबर
OtherPoliticsTop 10ताज़ा खबरभारतराज्य

बिष्ट सरकार ने जारी किए अपराध के 9 वर्षों के आंकड़े, जबरदस्त सुधार का दावा

वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश में IPC के तहत अपराध के 3,42,355 मामले दर्ज हुए।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बढ़ते आपराधिक घटनाओं को लेकर भले ही विपक्ष हमलावर हो, लेकिन सरकारी आंकड़ों की मानें तो प्रदेश में अपराध तेजी से घटा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में पिछले 9 वर्षों के दौरान घटित अपराधों के तुलनात्मक आंकड़े पेश करते हुए दावा किया कि प्रदेश में अपराध न्यूनतम स्तर पर है। हालांकि सरकार के यह दावे एनसीआरबी की रिपोर्ट से मेल नहीं खाते। उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराध पूरे देश में सबसे ज्यादा हैं। साल 2018 में महिलाओं के खिलाफ अपराध की कुल संख्या उत्तर प्रदेश में 56,011 दर्ज की गई थी और इस सूची में यूपी अन्य राज्यों से आगे रहा। इस दौरान आईपीसी के तहत 3,42,355 मामले दर्ज किए गए।

उत्तर प्रदेश गृह विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि 9 वर्षों के आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा सरकार के कार्यकाल में अपराध की घटनाओं में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि यह अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदेश सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का नतीजा है। ये आंकड़े ऐसे समय में सामने रखे गए हैं जब विपक्षी दल प्रदेश में अपराध की घटनाओं को लेकर सरकार को घेर रहे हैं।

डकैती और लूट के मामलों में गिरावट
डकैती के मामले में वर्ष 2016 की तुलना में 2020 में 74.50 फीसदी और 2012 के सापेक्ष 74.67 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है। इसी तरह, इन्हीं वर्षों के आंकड़ों को देखें तो लूट के मामलों में क्रमशः 65.29 फीसदी और 54.25 फीसदी की गिरावट हुई है। हत्या के मामलों में क्रमशः 26.43 फीसद और 29.74 फीसदी की कमी आई है।

फिरौती के लिए अपराध के मामलों में वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2020 में 54.55 फीसदी और वर्ष 2012 के मुकाबले 64.29 फीसदी की कमी आई है। प्रवक्ता के मुताबिक, बलात्कार के मामलों में वर्ष 2013 के मुकाबले वर्ष 2020 में 25.94 फीसदी और वर्ष 2016 के मुकाबले 38.74 फीसदी और वर्ष 2019 के सापेक्ष 28.13 फीसदी की कमी आई है।

उन्होंने बताया कि पॉक्सो ऐक्ट के मामलों में प्रभावी पैरवी करते हुए एक जनवरी 2019 से इस साल 30 जून तक 922 मुकदमों में आरोपियों को सजा हुई है। इनमें से पांच को मृत्युदंड, 193 को उम्र कैद और 724 को अन्य सजा हुई है। वहीं, राहजनी के मामलों में यह गिरावट 100 फीसदी रही है। साल 2017 से लेकर अभी तक ऐसी एक भी वारदात नहीं घटित हुई है।

प्रवक्ता ने बताया कि गुंडा अधिनियम, गैंगस्टर एक्ट तथा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के पंजीकृत अभियोगों के तहत मौजूदा सरकार के कार्यकाल में प्रभावी कार्यवाही हुई है। गुंडा अधिनियम के तहत वर्ष 2012 में 12,149, वर्ष 2016 में 13,615 मुकदमे दर्ज हुए थे जबकि वर्ष 2020 में अब तक 17,908 अभियोग पंजीकृत किए जा चुके हैं। गैंगस्टर एक्ट के तहत वर्ष 2012 में 1313, वर्ष 2016 में 1716 और वर्ष 2020 में 2346 मुकदमे दर्ज हुए हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत साल 2012 में 44, 2016 में 82 और वर्ष 2020 में 112 अभियोग पंजीकृत किए जा चुके हैं।

प्रवक्ता ने बताया कि अपराधियों के खिलाफ की गई कार्रवाई में उत्तर प्रदेश देश के अन्य राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के मुकाबले काफी आगे है। भारतीय दंड विधान के अपराधों में 4,14,112 गिरफ्तारियों के साथ उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। भारतीय दंड विधान के अपराधों में गिरफ्तार अभियुक्तों में से 1,44,274 की दोष सिद्धि के साथ राज्य दूसरे स्थान पर है।

Related posts

IMF ने घटाया भारत का GDP ग्रोथ अनुमान

samacharprahari

यूपी में चुनावी सरगर्मी तर्ज, सपा नेताओं पर आईटी की रेड

Amit Kumar

रेलवे की कमाई बढ़ी, फिर भी नहीं भरे गए 2.97 लाख पद

samacharprahari

बांबे हाई कोर्ट ने खारिज की परमबीर सिंह की याचिका

samacharprahari

महाराष्ट्र विधायक अयोग्यता पर क्या दोबारा मिलेगी तारीख या फिर होगा फैसला…

samacharprahari

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से एक करोड़ रुपये की ठगी

Prem Chand