नई दिल्ली। सरकार ने सोमवार को बताया कि पिछले साल पाकिस्तानी फौजों ने जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 5,133 बार संघर्षविराम उल्लंघन किया गया है, जिसमें 46 भारतीय सुरक्षा कर्मियों की जान चली गई। इस साल 28 जनवरी तक संघर्षविराम उल्लंघन की 299 घटनाएं हुई हैं। अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद से संघर्षविराम उल्लंघन की घटनाएं बढ़ी हैं। पाकिस्तान की ओर से साल 2019 में ही 3233 बार संघर्षविराम उल्लंघन किया गया है।
राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि सीमा पार से हुई संघर्षविराम उल्लंघन की घटनाओं का भारतीय सुरक्षा बलों ने समुचितत जवाब दिया है। उन्होंने बताया कि संघर्षविराम उल्लंघन की सभी घटनाओं को पाकिस्तानी प्राधिकारियों के समक्ष, हॉटलाइन, फ्लैग मीटिंग के स्थापित तंत्र से लेकर दोनों देशों के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच होने वाली साप्ताहिक वार्ताओं के माध्यम से समुचित स्तर पर उठाया गया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि इस साल 28 जनवरी तक संघर्षविराम उल्लंघन की 299 घटनाएं हुई हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान ने वर्ष 2019 में 3,233 बार संघर्षविराम उल्लंघन किया है। सीमा क्षेत्र में कोरोना वायरस महामारी के बावजूद पाकिस्तान ने बिना उकसावे के संघर्षविराम उल्लंघन किया और आतंकवादियों को कश्मीर में प्रविष्ट कराने के लगातार प्रयास किए।