उद्धव ठाकरे का केंद्र सरकार पर हमला, जीएसटी बकाए पर भी केंद्र को घेरा
मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार पर देश की संविधानिक ढांचे को कमजोर बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर ने संविधान के जरिए लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत बनाने की नींव रखी थी, राजीव गांधी ने पंचायतीराज का सपना देखा था, लेकिन आज एक व्यक्ति के हाथ में पॉवर चली जा रही है, जो लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है।
मुख्यमंत्री उद्धव ने बुधवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना की। उन्होंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का नाम न लेते हुए कहा कि आज सत्ता व्यक्ति केंद्रित होती जा रही है। आज के हालात को देखते हुए लग रहा है कि भविष्य में राज्य सरकारों व लोकतंत्र का कोई मोल नहीं रह जाएगा। सत्ता पर काबिज व्यक्ति जो कहेगा, उसी का अनुशरण किया जाएगा। हम यह नहीं होने देंगे, ऐसा नहीं चलेगा। संविधानिक अधिकारों का पालन किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री उद्धव ने कहा कि डॉ. बाबासाहब आंबेडकर ने फ़ेडरल स्ट्रक्चर को ध्यान में रखकर हमारा संविधान बनाया है। उस सांविधानिक ढांचे में जो भी अधिकार जनता को दिए गए हैं, उसका अगर हम आदर नहीं करेंगे तो फिर हमारे यहां लोकतंत्र कहां है? देश मे लोकतंत्र को कमजोर करने की लगातार कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि देश के साथ ही महाराष्ट्र में कोरोना महामारी के प्रकोप से जनता के साथ ही राज्य सरकार भी जूझ रही है। सरकार अपने स्तर पर कोरोना वायरस से निबटने का प्रयास कर रही है। अप्रैल महीने से कोरोना संकट को लेकर केंद्र सरकार से कई बार चर्चा हो चुकी है, लेकिन वहां से एक भी पैसे की मदद हमें नहीं मिली है। हम आर्थिक मदद के लिए केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री को लगातार पत्र भेजते रहते हैं। कुछ पत्र का जवाब आता है, कुछ का नहीं। कोरोना महामारी से निबटने के लिए केंद्र से कोई आर्थिक मदद नहीं दी जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि जीएसटी बकाया का भुगतान भी केंद्र सरकार नहीं कर पा रही है। जीएसटी स्ट्रक्चरिंग में अब बदलाव की जरूरत है।