अगले 3 महीने और नजरबंद रहेंगी.
अगस्त 2019 से हिरासत में हैं महबूबा
श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीएफ) की अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। एक तरफ प्रशासन ने महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी बढ़ाई है तो दूसरी तरफ पीपुल्स कॉफ्रेंस के नेता सज्जाद लोन को शुक्रवार को हिरासत से रिहा कर दिया गया है। लोन ने खुद ही ट्वीट कर रिहा होने की जानकारी दी।
जानकारी के अनुसार, महबूबा मुफ्ती अगले 3 महीने तक नजरबंद रहेंगी। पिछले साल जम्मू कश्मीर में विशेष राज्य का दर्जा देने वाली अनुच्छेद 370 (आर्टिकल-370) खत्म करने के साथ ही 5 अगस्त 2019 से महबूबा मुफ्ती नजरबंदी में थीं। पिछले दिनों रिहाई के लिए महबूबा मुफ्ती ने कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था।
गृह विभाग की ओर से जारी एक आदेश के अनुसार, पीडीएफ नेता मुफ्ती अपने सरकारी आवास में तीन महीने तक नजरबंद रहेगी। प्रशासन ने महबूबा मुफ्ती के आवास को सब्सिडिरी जेल घोषित किया है। पिछले दिनों महबूबा मुफ्ती को सरकारी निवास में शिफ्ट किया गया था। हालांकि उन्हें जन सुरक्षा अधिनियम से मुक्त नहीं किया गया था और वह अगले आदेश तक अब अपने घर में ही कैद रहेंगी।
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को प्रदेश प्रशासन ने पांच अगस्त 2019 की सुबह जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को लागू किए जाने से पूर्व प्रदेश के अन्य प्रमुख नेताओं संग एहतियातन हिरासत में ले लिया था। जम्मू -कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री को पहले हरि निवास में रखा गया था। उसके बाद उन्हें चश्माशाही स्थित एक सरकारी गेस्ट हाउस में रखा गया। उसके बाद नवंबर में उन्हें लालचौक से कुछ ही दूरी पर ट्रांसपोर्ट लेन स्थित एक सरकारी गेस्ट हाउस में एहतियातन हिरासत में रखा गया था। गत फरवरी माह के दौरान प्रदेश प्रशासन ने उन्हें जन सुरक्षा अधिनियम के तहत कैद कर लिया।
कई नेताओं को किया गया था नजरबंद
सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधान खत्म किए थे। इस दौरान सरकार ने वहां के तमाम नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था। उस समय जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, फारूख अब्दुल्ला और कई अन्य राजनेताओं को भी हिरासत में लिया गया था। पिछले दिनों कई नेताओं को भी हिरासत से रिहा किया गया जिसमें फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला समेत कई नेता शामिल हैं।