मुंबई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने विशेष अदालत को बताया कि ऐल्गार परिषद माओवादी संबंध मामले में आरोपी कार्यकर्ता आनंद तेलतुम्बड़े भाकपा (माओवादी) के ‘सक्रिय सदस्य’ हैं और संगठन के एजेंडा से बहुत करीब से जुड़े हुए हैं। मामले की जांच कर रहे एनआईए ने कार्यकर्ता की जमानत याचिका पर लिखित जवाब में 26 फरवरी को यह बात कही था। जवाब की एक प्रति मंगलवार को उपलब्ध कराई गई।
बता दें कि जनवरी 2021 में तेलतुम्बड़े ने विशेष एनआईए अदालत में जमानत याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि उनके खिलाफ जांच एजेंसियों को कोई साक्ष्य नहीं मिला है और अभियोजन पक्ष ने जो आरोप लगाए थे, वह भी बेबुनियाद है। सरकार के खिलाफ लड़ाई के लिए भड़कानेवाला आरोप सिर्फ ‘कहानी है।’ इस पर जमानत का विरोध करते हुए जांच एजेंसी ने कहा कि यह कहना ‘एकदम गलत’ है कि आरोपी के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। एनआईए ने कहा, ‘वास्तविकता यह है कि आरोपी के खिलाफ साक्ष्य है कि वह भाकपा (माओवादी) का सक्रिय सदस्य है और भाकपा (माओवादी) के एजेंडा में काफी गहरे तक संलिप्त है।’ जांच एजेंसी ने यह भी दावा किया है कि आनंद तेलतुम्बड़े इस मामले में वांछित अपने भाई मिलिंद तेलतुम्बड़े से संपर्क में था और दोनों के बीच गोपनीय बैठक हुई थी। आनंद तेलतुम्बड़े शहरी क्षेत्र की यात्रा के दौरान अपने भाई से मिलता था और दोनों अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में एकत्र किया गया माओवादी विचाराधारा वाला साहित्य साझा किया करते थे।
