मुज़फ्फरनगर। अमूमन पति को अपनी अलग रह रही पत्नी को गुजारा भत्ता देना पड़ता है। इस तरह की खबरें आम हैं, लेकिन अब उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने अनोखा फैसला सुनाया है। मुज़फ्फरनगर की इस फैमिली कोर्ट ने एक महिला को आदेश दिया है कि वह अपने पति को हर महीने 2000 रुपए का गुज़ारा भत्ता दे।
क्या है मामला?
मामला मुज़फ्फरनगर के खतौली तहसील का है। सूत्रों ने बताया कि किशोरी लाल सोहनकर की शादी मुन्नी देवी के साथ तकरीबन 30 साल पहले हुई थी। लेकिन दोनों करीब 10 साल से अलग रह रहे हैं। कोर्ट ने दोनों को साथ रहने का आदेश दिया था। लेकिन उसकी पत्नी तैयार नहीं हुईं। इसके बाद किशोरी लाल ने साल 2013 में हिन्दू मैरिज एक्ट 1955 के तहत याचिका दायर करते हुए पत्नी से गुज़ारा भत्ता दिलवाने की गुहार लगाई। फैमिली कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए पति को 2 हजार रुपये महीना मेंटिनेंस देने का आदेश दिया है।
तलाक नहीं हुआ है
बता दें कि मुन्नी देवी आर्मी में काम करती थीं और हाल में रिटायर हुई हैं। 58 वर्षीय मुन्नी को 12 हजार रुपए महीन पेंशन मिलती है, जबकि किशोरी चाय की दुकान चलाता है। किशोरी का कहना है कि उनकी हालत दयनीय है। इस मामले में किशोरी के वकील बालेश कुमार तायल ने बताया कि पति पत्नी का तलाक नहीं हुआ है।