सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
नई दिल्ली। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग यानी ईडब्ल्यूएस के उम्मीदवारों को दाखिले तथा नौकरी में दस प्रतिशत आरक्षण देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में 13 सितंबर 2022 से सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केन्द्र सरकार के फैसले की संवैधानिक वैधता के संबंध में दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की जाएगी।
103वें संशोधन में मिला आरक्षण
जनवरी 2019 में संविधान के 103वें संशोधन को सदन में पारित किया गया था। इस संशोधन के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इसके अनुसार, संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में खंड (6) सम्मिलित करके नौकरियों और शिक्षा में आर्थिक आरक्षण प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है।
हालांकि इस आरक्षण को लेकर विरोध हो रहा है। विशेषज्ञ कहते हैं कि ईडब्ल्यूएस में एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बाहर रखा गया है। यह सवर्ण वर्ग को डायरेक्ट रिजर्वेशन का लाभ देने की कोशिश है।
इन तीन सवालों पर मुहर…
सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल के तीन सवालों पर मुहर लगा दी है।1) क्या राज्य सरकारों को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की शक्ति देते हुए संविधान के मूल ढांचे से छेड़छाड़ की गई है ?
2) क्या राज्यों को निजी गैर सहायता प्राप्त संस्थानों में आरक्षण का विशेष प्रावधान सौंपना संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन है ?
3) क्या इस संशोधन में SEBC/OBC/SC/ST को EWS आरक्षण से बाहर करना संविधान के मूल ढांचे से छेड़छाड़ है?