भारत के खिलाफ चाल चल रहा है नेपाल
नई दिल्ली। भारत और नेपाल के बीच रिश्तों में खटास बढ़ गयी है। नेपाल लगातार चीन के करीब होता जा रहा है। वह भारत के खिलाफ कूटनीतिक चाल चल रहा है। लिपुलेख के पास चीनी सेना की बढ़ती गतिविधियों के बाद यह सवाल उठ खड़ा हुआ है। लद्दाख में चीन अपने सैनिकों को पीछे हटाने की बात कर रहा है, लेकिन उसने लिपुलेख इलाके में एलएसी के पार अपने एक हजार सैनिक तैनात किए हैं। लिपुलेख इलाका भारत, नेपाल और चीन की सीमाओं को मिलानेवाली जगह है जो पिछले दिनों से काफी चर्चा में है।
तैनात किए एक हजार जवान
मिली जानकारी के मुताबिक, चीन लद्दाख के बाद अब लिपुलेख में अपनी सेना तैनात कर रहा है। उसने सैनिकों की एक बटालियन मतलब करीब एक हजार से ज्यादा जवान लिपुलेख के पास तैनात कर दिए हैं। हालांकि, भारत ने भी उतने ही जवान अपने क्षेत्र में तैनात कर दिए हैं।
भारत और चीन के बीच करीब तीन महीने से लद्दाख में तनाव चल रहा है। करीब 45 साल बाद वहां 15 जून को बॉर्डर पर हिंसा हुई, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए। वहीं चीन के भी 40 जवान मारे जाने की खबर थी। अब जब लद्दाख में बातचीत के बाद दोनों देशों की सेनाएं धीरे-धीरे पीछे हो रही हैं तो चीन ने लिपुलेख में चाल चली है। सूत्रों के मुताबिक, चीन की पीएलए आर्मी एलएसी के पार लिपुलेख इलाके में देखे गए हैं।
नेपाल ने किया था लिपुलेख पर दावा
बता दें कि लिपुलेख पास भारत ने मानसरोवर यात्रा के लिए नया रूट बनाया है। नेपाल ने यहां भारत की बनाई 80 किलोमीटर की सड़क पर एतराज जताया था। इसके बाद नेपाल ने अपने यहां नया नक्शा पास कर विवाद बढ़ा दिया था। इस विवादित नक्शे में कालापानी और लिपुलेख को अपना हिस्सा बताया था।
पूर्वी लद्दाख में भारतीय जमीन पर कब्जा करने की फिराक में जुटा चीन पैंगोंग त्सो झील के फिंगर 4 से 8 के बीच हटने को तैयार नहीं हो रहा है। चीन ने लद्दाख के कुछ इलाकों से भले ही सेना हटा ली हो लेकिन लंबे समय तक टकराव के लिए एलएसी से कुछ ही दूरी पर स्थित अक्साई चिन के इलाके में बड़ी सैन्य तैयारी करने में जुट गया है। सैटलाइट से मिली ताजा तस्वीरों में पता चला है कि चीन अपने सैतुला सैन्य ठिकाने को आधुनिक बना रहा है और वहां घातक हथियार तैनात कर रखा है।