आरटीआई में खुलासा, यूपीए सरकार के मुकाबले तीन गुना ज्यादा लोन राइट ऑफ
ज्यादा लोन राइट ऑफ करने से एनपीए में आई गिरावट
बिजनेस डेस्क, मुंबई।
भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली मोदी सरकार के कार्यकाल में बड़े पैमाने पर लोन राइट ऑफ किए गए हैं। आरटीआई से अनुसार, मोदी सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2015-2019 के दौरान 7.94 लाख करोड़ रुपए के बैंक लोन राइट ऑफ किए गए हैं। यह मनमोहन सरकार के वर्ष 2004-2014 के 10 साल के कार्यकाल के मुकाबले 3 गुना ज्यादा है। इतना ही नहीं, पिछले 15 साल में विदेशी बैंकों ने भी धड़ल्ले से लोन राइट ऑफ किया है। यूपीए और एनडीए सरकार के पिछले 15 साल में लोन राइट ऑफ करने वाले विदेशी बैंकों में एचएसबीसी, बार्कलेज, सिटी बैंक और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक प्रमुख रहे हैं। ज्यादा लोन राइट ऑफ करने के कारण बैंकों के नॉन परफॉर्मिंग असेट्स यानी एनपीए में गिरावट दर्ज की गई है।
यूपीए सरकार ने किया 2.20 लाख करोड़ के लोन राइट ऑफ
पुणे के कारोबारी प्रफुल्ल शारदा की ओर से दाखिल आरटीआई के जवाब में कहा गया है कि यूपीए सरकार के 10 साल के कार्यकाल में विभिन्न बैंकों ने कुल 2,20,328 करोड़ रुपये के लोन राइट ऑफ किए हैं। एनडीए सरकार ने वर्ष 2015-2019 के कार्यकाल में ही 7,94,354 करोड़ रुपये के लोन राइट ऑफ कर दिए हैं। इस कारण इस अवधि में बैंकों के नॉन-परफॉर्मिंग असेट्स (एनपीए) कम रहा है। पब्लिक सेक्टर बैंक (पीएसबी) के साथ ही प्राइवेट और विदेशी बैंकों ने भी दिल खोलकर कारपोरेट सेक्टर के लोन राइट ऑफ किए हैं।
आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार (वर्ष 2004-2014) के दौरान पीएसबी ने करीब 1,58,994 करोड़ रुपये के लोन राइट ऑफ किए थे, जबकि प्राइवेट सेक्टर के बैंकों ने 41,391 करोड़ रुपये का लोन राइट ऑफ किया। इस अवधि के दौरान विदेशी बैंकों ने भी 19,945 करोड़ रुपये का लोन राइट ऑफ किया। हालांकि, यूपीए सरकार के दौरान किसी भी शेड्यूल्ड बैंक ने लोन राइट ऑफ नहीं किया।
सत्ता परिवर्तन के बाद जब एनडीए सरकार ने सत्ता संभाल, तब वर्ष 2015-2019 के दौरान पीएसबी ने करीब 6,24,370 करोड़ रुपये के लोन राइट ऑफ किए, जबकि प्राइवेट सेक्टर के बैंकों ने 1,51,989 करोड़ रुपये और विदेशी बैंकों ने 17,995 करोड़ रुपये के लोन को राइट ऑफ किया। इस प्रकार एनडीए सरकार के दौरान के कुल 7,94,354 करोड़ रुपये के लोन राइट ऑफ किए गए। एनडीए सरकार में शेड्यूल्ड बैंकों ने भी 1295 करोड़ रुपये का लोन राइट ऑफ किया। इस प्रकार कुल लोन राइट ऑफ की राशि 7,95,649 करोड़ रुपए हो गई है।
एनडीए सरकार के दौरान 82,571 करोड़ रुपए की रिकवरी
हालांकि, एनडीए सरकार के कार्यकाल के दौरान राइट ऑफ किए गए लोन से रिकवरी भी की गई है। आरटीआई डाटा के अनुसार, राइट ऑफ किए गए 7,94,354 करोड़ रुपये में से 82,571 करोड़ रुपये की रिकवरी की गई। यह कुल राइट ऑफ लोन का 12 परसेंट ही है।
विदेशी बैंकों ने ज्यादा लोन राइट ऑफ किया
सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि एनडीए सरकार के कार्यकाल में विदेशी बैंकों ने वार्षिक आधार पर ज्यादा राशि का लोन राइट ऑफ किया है। यूपीए सरकार के 10 साल के कार्यकाल में विदेशी बैंकों ने केवल 19,945 करोड़ रुपये का लोन राइट ऑफ किया था। वार्षिक आधार पर इसका औसत 1995 रुपये प्रति वर्ष होता है। एनडीए सरकार के 4 साल में ही विदेशी बैंकों ने 17,995 करोड़ रुपये राइट ऑफ कर दिए। वार्षिक आधार पर इसका औसत 4,499 करोड़ रुपये होता है।