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मालगाड़ियों के लदान से पश्चिम रेलवे ने कमाए 3081करोड़

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टिकटों के निरस्तीकरण के बाद पश्चिम रेलवे ने 413.16 करोड़ रुपये के रिफंड दिया

मुंबई। कोरोना वायरस के कारण घोषित किये गए पूर्ण लॉकडाउन के दौरान परिवहन और श्रम शक्ति की सबसे कठिन चुनौतियों के बावजूद, पश्चिम रेलवे ने अपनी लोडिंग गतिविधियों को लगातार जारी रखा है। पश्चिम रेलवे ने 22 मार्च से लागू पूर्ण लॉकडाउन और वर्तमान आंशिक लॉकडाउन के दौरान 11 अगस्त 2020 तक मालगाड़ियों के 11,807 रेक लोड करके 3081.50 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल किया है। कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर यात्री राजस्व का कुल नुकसान लगभग 2107 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए 315 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय के लिए 1792 करोड़ रुपये का नुक़सान शामिल है।

पश्चिम रेलवे की ओर से अपनी मालवाहक ट्रेनों के ज़रिये देश भर में अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन किया जा रहा है। इनमें पीओएल के 1259, उर्वरकों के 2089, नमक के 633, खाद्यान्नों के 114, सीमेंट के 937, कोयले के 453, कंटेनरों के 5473 और सामान्य माल के 54 रेकों सहित कुल 24.31 मिलियन टन भार वाली विभिन्न मालगाड़ियों को उत्तर पूर्वी क्षेत्रों सहित देश के विभिन्न राज्यों में भेजा गया।

इनके अलावा मिलेनियम पार्सल वैन और मिल्क टैंक वैगनों के विभिन्न रेक दवाइयों, चिकित्सा किट, जमे हुए भोजन, दूध पाउडर और तरल दूध जैसी विभिन्न आवश्यक वस्तुओं की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए उत्तरी और उत्तर पूर्वी क्षेत्रों में भेजे गये। कुल 23,039 मालगाड़ियों को अन्य ज़ोनल रेलों के साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें 11,497 ट्रेनें सौंपी गईं और 11,542 ट्रेनों को पश्चिम रेलवे के विभिन्न इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने बताया कि 23 मार्च से 11 अगस्त 2020 तक लगभग 96,700 टन वजन वाली अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन पश्चिम रेलवे की 460 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से किया गया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से मिलने वाला राजस्व 31 करोड़ रुपये से अधिक रहा है। इस अवधि के दौरान 72 मिल्क स्पेशल गाड़ियों को पश्चिम रेलवे द्वारा चलाया गया, जिनमें 54,500 टन से अधिक का भार था और वैगनों के 100 फीसदी उपयोग से लगभग 9.41 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ।

इसी प्रकार, 33,000 टन से अधिक भार वाली 367 कोविड -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनके द्वारा अर्जित राजस्व 16.71 करोड़ रुपये से अधिक रहा। इनके अलावा, 9108 टन भार वाले 21 इंडेंटेड रेक भी लगभग 100 फीसदी उपयोग के साथ चलाए गए, जिनसे 4.87 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ।

कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर यात्री राजस्व का कुल नुकसान लगभग 2107 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए 315 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय के लिए 1792 करोड़ रुपये का नुक़सान शामिल है। इसके बावजूद, 1 मार्च, 2020 से 11 अगस्त, 2020 तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप पश्चिम रेलवे ने 413.16 करोड़ रुपये के रिफंड की अदायगी सुनिश्चित की है। इस धनवापसी राशि में, अकेले मुंबई मंडल ने 198.62 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 63.65 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार अपनी रिफंड राशि प्राप्त की है।

 


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