मुंबई। भारत की अर्थव्यवस्था मंदी में है। लेकिन भारत सरकार इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं। अब तो अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) ने भी इसकी घोषणा कर दी है। मुद्रा कोष की रिपोर्ट में भारत की ग्रोथ निगेटिव रहेगी। कई दशक बाद भारतीय अर्थव्यवस्था डांवाडोल हुई है।
आईएमएफ़ ने कहा कि साल 2020 में भारतीय अर्थव्यवस्था 4.5 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि दर्ज करेगी। आईएमएफ़ की अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने वॉशिंगटन में विश्व आर्थिक आउटलुक अपडेट जारी किया, जिसमें भारत की अर्थ व्यवस्था के नकारात्मक होने की बात कही गई है।
इकोनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ ने भारतीय अर्थव्यवस्था की इस दशा की वजह बताते हुए कहा कि दुनिया भर की अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस के कारण लागू किए गए लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुई हैं। सभी कोर सेक्टर ठप है, जिसका अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।