लोगों ने सरकार से ज्यादा राहत पाने की उम्मीदें रखी थीं
समाचार प्रहरी, मुंबई।
इस साल मध्यम-आय वर्ग के 66 प्रतिशत लोगों ने केंद्रीय बजट से अधिक उम्मीदें लगा रखी थीं, लेकिन उन्हें सरकारी बजट से निराशा हाथ लगी है। आईएएनएस सी वोटर बजट स्नैप पोल 2021 में यह बात सामने आई है। मध्यम आय वर्ग के 66 प्रतिशत लोगों ने सरकार से ज्यादा राहत पाने की उम्मीदें रखी थीं, लेकिन वह पूरी नहीं हुई हैं।
मध्य आय वर्ग के लोगों ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया है, उससे उच्च आय वर्ग भी सबसे अधिक असंतुष्ट है। इस वर्ग के 52.8 प्रतिशत लोगों ने कहा कि बजट उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है। दिलचस्प बात यह भी सामने आई है कि कम आय समूह देश के राजकोषीय घाटे को लेकर ज्यादा चिंतित है। लगभग 60.5 प्रतिशत लोगों ने कहा कि यह एक बड़ी चिंता का विषय है कि देश का राजकोषीय घाटा 9.5 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
बजट को लेकर कराए गए सर्वे में शामिल 41.9 फीसदी लोगों ने कहा कि यह बजट उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है, जबकि 40.8 फीसदी लोगों ने कहा कि यह उनकी उम्मीदों पर खरा उतरा है। लगभग 44.2 प्रतिशत लोग निराश हैं कि आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जबकि 40.7 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे बजट से निराश नहीं हैं। बजट को लेकर 46.4 प्रतिशत लोगों ने कहा कि जिन राज्यों में जल्द ही चुनाव होने वाले हैं, उन राज्यों के लिए ज्यादा घोषणाएं की गई हैं, जबकि 36.4 प्रतिशत लोग ऐसा नहीं मानते।
लगभग दो तिहाई लोग इस बात से सहमत हैं कि इस बजट के माध्यम से सरकार ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि स्वास्थ्य का अत्यधिक महत्व है। लगभग 62.5 प्रतिशत लोग इस बात से सहमत हैं, जबकि केवल 24.7 प्रतिशत लोग इससे सहमत नहीं हैं। लगभग 44.2 प्रतिशत लोग ऐसा नहीं मानते कि यह बजट संकेत देता है कि सरकार का खजाना खाली है, लेकिन 42.2 प्रतिशत को लगता है कि खजाना खाली है, जो चिंता की बात है।