केंद्र सरकार ने कहा- चीनी साइबर हमला नहीं, मानवीय भूल
मुंबई। महाराष्ट्र में बजट सत्र के दूसरे दिन बिजली मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामा हुआ। कोरोना काल के बाद बढ़ी हुई बिजली बिलों के बकायादारों के बिजली कनेक्शन काटने के मसले के साथ ही पिछले साल पॉवर ग्रीड फेल होने की घटना को लेकर विपक्ष ने सत्ता पक्ष के साथ तीखी बहस की। सोमवार को इस पर एक रिपोर्ट पेश की गई थी। पावर ग्रिड फेल होने के मामले में चीन के हैकर्स को जिम्मेदार ठहराने वाली महाविकास आघाडी सरकार मंगलवार को अपने स्टैंड से पीछे हटती नजर आई। सरकार ने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। उधर, विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए कहा कि बिजली गुल सरकार की असफलता और अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा था। हालांकि केंद्र सरकार ने मंगलवार को उन रिपोर्टों का खंडन करते हुए कहा कि कोई सबूत मौजूद नहीं है, जिससे ग्रिड फेलियर को हैकिंग से जोड़ा जा सके। मानवीय त्रुटि के कारण ऐसा हुआ न कि साइबर हमले के कारण।
चीनी साइबर हमले के चलते मुंबई में पावर आउटेज होने के मसले पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने खंडन करते हुए कहा कि इस बारे में ऐसा कोई सबूत मौजूद नहीं है, जिससे ग्रिड फेलियर को हैकिंग से जोड़ा जा सके। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मानवीय त्रुटि के कारण ऐसा हुआ न कि साइबर हमले के कारण। हालांकि हमारे उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्र के लोड डिस्पेच केंद्रों पर साइबर हमले हुए, लेकिन मालवेयर हमारे ऑपरेटिंग सिस्टम तक नहीं पहुंच सके। महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने सूचित किया है कि मुंबई में उनके SCADA सिस्टम पर साइबर हमले हुए। दो टीमों ने ग्रिड के ठप होने की जांच की और कहा है मानवीय त्रुटि के कारण ऐसा हुआ।
बता दें कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने राज्य के साइबर प्रकोष्ठ की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए सोमवार को कहा था कि पिछले साल मुंबई में 12 अक्तूबर को बड़े पैमाने पर बिजली गुल होने की घटना का कारण साइबर हमला हो सकता है। उधर, चीन ने कहा है कि वह हर तरह के साइबर हमलों का दृढ़ता से विरोध करता है। साइबर हमलों के मामले में अंदेशा लगाने का कोई स्थान नहीं है। बिना सबूत के किसी पर आरोप लगाना बहुत ही लापरवाही भरा रवैया है।