रांची। चारा घोटाले में जेल में बंद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को चाईबासा ट्रेजरी केस में जमानत मिल गई है। हालांकि, इसके बावजूद वह फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे। दुमका ट्रेजरी केस में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं हो पाई है। सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू यादव को करोड़ों रुपये के चारा घोटाले में दोषी ठहराया है।
उनके वकील ने बताया कि इस मामले में हाईकोर्ट ने लालू यादव को जमानत के लिए 50-50 हजार के दो निजी मुचलके भरने और दो लाख रुपये की जुर्माना राशि जमा करने को कहा है। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री की जमानत के लिए सीबीआई के वकील ने विरोध किया था, जिसे ख़ारिज करते हुए कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व रेलमंत्री यादव को जमानत दे दी। वकील ने कहा कि चाईबासा ट्रेजरी केस में लालू यादव ने सजा का आधा हिस्सा (50 फीसदी) जेल में काटा है। इस आधार पर उन्हें सभी मामलों में बेल मिल रही है। आगामी नवंबर महीने में उनकी दुमका मामले में भी आधी सजा पूरी हो जाएगी। नवंबर के बाद वह जेल से बाहर आ सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले से जुड़े तीन मामलों में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव न्यायिक हिरासत में रिम्स में पिछले दो वर्ष से अधिक समय से इलाजरत हैं। बिहार चुनाव से ठीक पहले कोरोना संक्रमण की आशंका की बात कह कर उन्हें रिम्स में स्थानांतरित कर दिया गया था, जहां राजद प्रमुख लालू पर लगातार बिहार के टिकटार्थियों से मिलने और राजनीतिक मुलाकातें करने के आरोप लगते रहे हैं। बता दें कि चारा घोटाले के एक सजायाफ्ता आरोपी जगन्नाथ मिश्र की मौत हो चुकी है।