केरल-बंगाल में एनआईए की छापेमारी
अलकायदा के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश
छापेमारी के दौरान 9 संदिग्ध अरेस्ट
नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अलकायदा के बड़े नेटवर्क के पर्दाफाश का दावा किया है। एनआईए ने अलकायदा मॉड्यूल को लेकर केरल और पश्चिम बंगाल में छापेमारी की है। इस छापेमारी के दौरान 9 संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एनआईए ने शनिवार सुबह एर्नाकुलम (केरल) और मुर्शिदाबाद (पश्चिम बंगाल) में कई स्थानों पर एक साथ छापे मारे।
निशाने पर थे कई सुरक्षा प्रतिष्ठान
सूत्रों ने बताया कि भारत में अलकायदा की बढ़ती हुई गतिविधियों को देखते हुए एनआईए की ओर से यह छापेमारी की गई है। केरल के एर्नाकुलम और पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में छापेमारी के दौरान 9 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। एनआईए ने छापेमारी के दौरान केरल के एर्नाकुलम से 3 जबकि बंगाल के मुर्शिदाबाद से 6 संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है। कई सुरक्षा प्रतिष्ठान इनके निशाने पर थे। गिरफ्तार किए गए अधिकतर लोगों की उम्र 20 वर्ष के आसपास बताई जा रही है और सभी मजदूरी करते हैं। आतंकी साजिश को लेकर इनपुट मिलने के बाद इन पर निगाह रखी जा रही थी.
अलकायदा मॉड्यूल की मिली जानकारी
एनआईए को पश्चिम बंगाल और केरल सहित देश के विभिन्न स्थानों पर अल-कायदा के सदस्यों के एक अंतरराज्यीय मॉड्यूल के बारे में पता चला था, जिसके बाद यह छापेमारी की गई। यह ग्रुप देश के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की योजना बना रहा था। एनआईए के मुताबिक हमले के मकसद से मॉड्यूल सक्रिय रूप से धन जुटाने में लिप्त था और गिरोह के कुछ सदस्य हथियारों और गोला-बारूद की खरीद के लिए दिल्ली की यात्रा करने की योजना बना रहे थे। एनआईए ने फिलहाल केस दर्ज किया है और आगे की जांच पड़ताल जारी है।
सोशल मीडिया से जुड़े
एनआईए ने गिरफ्तार संदिग्ध आतंकियों के पास से डिजिटल उपकरण, दस्तावेज, जिहादी साहित्य, धारदार हथियार सहित बड़े पैमाने पर अन्य सामग्रियां बरामद की है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि सोशल मीडिया के जरिये पाकिस्तान स्थित अलकायदा के आतंकियों ने इन्हें कट्टरपंथी बनाया। पाकिस्तान में बैठे आतंकियों ने इन्हें दिल्ली सहित कई महत्वपूर्ण स्थानों पर अटैक करने के लिए उकसाया था।
इससे पहले भारतीय सेना ने कश्मीर में गादिकल के कारेवा इलाके में गुरुवार को 52 किलोग्राम विस्फोटक बरामद कर पुलवामा जैसा हमला होने से रोक लिया था। आतंकियों ने इन विस्फोटकों को पानी की टंकियों में छिपाकर रखा था। आतंकी पुलवामा जैसी घटना को अंजाम देना चाहते थे।