मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद भारतीय रिजर्व बैंक के मुखिया ने वैश्विक अनिश्चितताओं पर जताई चिंता
✍🏻 प्रहरी संवाददाता, मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा है कि मुद्रास्फीति में आई कमी से ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश जरूर बनी है, लेकिन वैश्विक अनिश्चितताओं और पिछली कटौतियों का पूरा असर न दिखने के कारण मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने फिलहाल दरों में कोई बदलाव न करने का फैसला किया है।
गवर्नर मल्होत्रा ने बुधवार को मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद संवाददाता सम्मेलन में बताया कि जून में ‘सीमित गुंजाइश’ की बात कही गई थी, लेकिन अब स्थिति थोड़ी बेहतर है और “कटौती की गुंजाइश” स्पष्ट तौर पर मौजूद है। फिर भी, वर्तमान वैश्विक माहौल और घरेलू नीतिगत प्रभावों को देखते हुए दरों को स्थिर रखना ही उचित समझा गया।
उन्होंने कहा, “अभी भी वैश्विक स्तर पर कई अनिश्चितताएं बनी हुई हैं। हर सप्ताह नए घटनाक्रम सामने आ रहे हैं, इसलिए यह समय सतर्क रहने का है।” एमपीसी की बैठक में मौद्रिक रुख को ‘तटस्थ’ से ‘उदार’ करने पर भी चर्चा हुई, जिसमें छह में से दो सदस्यों ने बदलाव का समर्थन किया।
वृद्धि को लेकर गवर्नर ने बताया कि पहली तिमाही के आंकड़े उम्मीद से बेहतर रहे, लेकिन दूसरी छमाही में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, खासकर अमेरिकी शुल्कों के प्रभाव से। हालांकि, भारत की घरेलू मांग मजबूत है, जिससे इन प्रभावों का असर सीमित रह सकता है।