ताज़ा खबर
Top 10खेल

सुप्रीम कोर्ट तय करेगा गांगुली और जय शाह का भविष्य

Share

नई दिल्ली। बीसीसीआई के संविधान में संशोधन मामले पर उच्चतम न्यायालय दो सप्ताह बाद सुनवाई करेगा, जिसमें बीसीसीआई के दो बड़े पदाधिकारियों मौजूदा अध्यक्ष सौरभ गांगुली और सचिव जय शाह का भविष्य तय होगा। इस मामले पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस सीए बोबडे और एल नागेश्वर राव की बेंच बीसीसीआई के अपने संविधान में संशोधन के लिए दलील सुनने पर सहमत हो गयी है। बीसीसीआई ने गांगुली और शाह के कार्यकाल को बढ़ाने के लिए यह याचिका दायर की है।
गांगुली का बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल इस महीने के अंत में खत्म हो रहा है और नियमानुसार वह आगे इस पद पर बने नहीं रह सकते हैं। शाह का सचिव पद पर कार्यकाल समाप्त हो चुका है, लेकिन वह पद पर बने हुए हैं। बीसीसीआई ने 2025 तक क्रमशः अध्यक्ष और सचिव के रूप में गांगुली और शाह के कार्यकाल को बढ़ाने की मांग की है।
लोढा समिति के अनुसार कोई भी व्यक्ति लगातार दो कार्यकाल पूरा करने के बाद तीन साल का कूलिंग पीरियड पूरा किए बिना पद पर नहीं रह सकता है। बीसीसीआई ने अपने संविधान में कई संशोधनों का प्रस्ताव किया है जिसमें सबसे महत्वपूर्ण कूलिंग-ऑफ पीरियड है।

गांगुली ने इससे पहले बंगाल क्रिकेट संघ में पद संभाला था जबकि शाह गुजरात क्रिकेट संघ में संयुक्त सचिव थे। इस लिहाज से दोनों छह साल पदाधिकारी रह चुके हैं।
इस बीच, क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के सचिव और आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग के याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा ने कहा है कि गांगुली और शाह के कूलिंग ऑफ पीरियड को हटाने के मसले पर जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी तो उनका वकील इसका विरोध नहीं करेगा। आदित्य का कहना है कि बोर्ड में स्थायित्व के लिये गांगुली और शाह का बने रहना जरूरी है।


Share

Related posts

अब जल्‍द होगा चेक बाउंस मामलों का निपटारा

samacharprahari

लॉ कमीशन ने कहा- 2024 के चुनाव में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ लागू करना मुमकिन नहीं

samacharprahari

मराठा आरक्षण को लेकर भुजबल की आलोचना राकांपा का आधिकारिक रुख नहीं : पटेल

Prem Chand

DRDO ने दागा ‘सीक्रेट हथियार’

Amit Kumar

अग्निपथ पर उबल रहा नेपाल

samacharprahari

अखिलेश बोले, ‘झूठ ना बोलो ‘गंगा के तट’, न करो घोषणा बिन-बजट’

samacharprahari