प्रहरी संवाददाता, मुंबई।
एंटीलिया केस में सचिन वाझे पर एनआईए का शिकंजा कसने और मुंबई पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह का तबादला होने के बाद बुधवार की शाम महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सचिन वाझे और मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह तो बहुत छोटे प्यादे हैं। सचिन वाझे जैसे लोगों का राजनीतिक हैंडलर कौन हैं, इसका पता लगाना चाहिए। मनसुख हिरेन मामले की जांच भी एनआईए को करनी चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने नई दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि साल 2018 में सचिन वाझे को सेवा में फिर से लेने के लिए कुछ लोगों को मेरे पास भेजा गया था। उद्धव ठाकरे ने भी फोन किया था। कुछ मंत्रियों ने भी जोर दिया। लेकिन हमने उस समय राज्य के अटॉर्नी जनरल और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ इस मामले पर चर्चा की और किसी दबाव में नहीं आए और न ही नौकरी पर बहाल किया। उच्च न्यायालय ने जिसे निलंबित कर दिया, उसे कैसे बहाल किया जाता।
शिवसेना से जुड़ने के बाद वाझे के कई नेताओं के साथ व्यापारिक संबंध हैं। कोरोना की आड़ में वाझे को क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट में सीधे भर्ती किया गया है। उन्हें सीआईयू प्रमुख के रूप में नहीं बल्कि वसूली अधिकारी के रूप में बहाल किया गया था। जिस उद्देश्य से उन्हें सीआईयू में लाया गया था, उसकी भी जांच होनी चाहिए। मनसुख हत्या के मामले में एटीएस से ठोस कार्रवाई की उम्मीद थी, लेकिन वह होता नहीं दिख रहा है। एटीएस और एनआईए के पास इस मामले में कुछ टेप हैं, जिसमें वाझे और मनसुख के बीच बातचीत की रिकॉर्डिंग है। इसलिए एनआईए को मनसुख हत्या मामले की जांच करनी चाहिए।