नई दिल्ली। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआई) के नियमों को आसान बनाने के सरकार के फैसले से रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा और इस दौरान राष्ट्रीय हितों तथा सुरक्षा को सबसे ऊपर रखा जाएगा।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश को मंजूरी देने से पहले उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा के पैमाने पर जांच की जाएगी। सरकार ने कुछ शर्तों के साथ इस क्षेत्र में स्वत: मार्ग के तहत 74 प्रतिशत एफडीआई की इजाजत दी है।
गोयल ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘अब, स्वत: मार्ग से 74 प्रतिशत तक एफडीआई की मंजूरी दी जाती है और 74 प्रतिशत से अधिक की अनुमति सरकारी (मंजूरी) मार्ग से दी जाएगी। इससे कारोबारी सुगमता बढ़ेगी और निवेश, आय तथा रोजगार की वृद्धि में योगदान होगा।’’
मई में वित्त मंत्री का फैसला
उन्होंने कहा कि सरकार के आत्मनिर्भर भारत के नजरिए के अनुरूप राष्ट्रीय हितों और सुरक्षा को सबसे ऊपर रखते हुए किए गए इन संशोधनों से रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। इससे पहले, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मई 2020 में स्वत: मार्ग के जरिए रक्षा विनिर्माण में 74 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति देने की घोषणा की थी।
आरबीआई को सूचित करना होगा
बता दें कि सरकारी मार्ग के तहत विदेशी निवेशकों को निवेश से पहले संबंधित मंत्रालय या विभाग से अनुमति लेनी होती है, जबकि स्वत: मार्ग में निवेशक को निवेश करने से पहले इस बारे में सिर्फ आरबीआई को सूचित करना होता है।