चुनाव चिन्ह विवादः सुप्रीम कोर्ट जाएगी एनसीपी, नए नाम-चुनाव चिन्ह को लेकर चर्चा जारी
नई दिल्ली। चुनाव आयोग से शरद पवार को बड़ा झटका लगा है। छह महीने में 10 से अधिक सुनवाई पूरी होने के बाद अजीत पवार के पक्ष में चुनाव आयोग का फैसला आया है। चुनाव आयोग का मानना है कि अजित पवार गुट ही असली एनसीपी यानी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी है। चुनाव आयोग ने एक आदेश में अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह को एनसीपी का चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ भी आवंटित कर दिया है।
चुनाव आयोग ने मंगलवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार गुट को वास्तविक एनसीपी घोषित करते हुए चुनाव चिन्ह घड़ी का निशान का हकदार बताया था।
अपना चुनाव चिन्ह ‘घड़ी’ की जंग हारने के बाद शरद पवार खेमा बुधवार को अपने कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहा है। चुनाव निकाय ने कहा कि निर्णय में ऐसी याचिका की पोषणीयता के निर्धारित पहलुओं का पालन किया गया, जिसमें पार्टी संविधान के उद्देश्यों का परीक्षण, पार्टी संविधान का परीक्षण और संगठनात्मक तथा विधायी दोनों में बहुमत के परीक्षण शामिल थे।
अजीत पवार गुट ने दाखिल की केवियट
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अजीत पवार गुट ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय में एक ‘केवियट’ याचिका दायर कर गुहार लगाई कि इस पार्टी के शरद पवार गुट की ओर से यदि चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी जाती है तो उनका (अजीत) पक्ष भी सुना जाना चाहिए।
क्या करेगा शरद खेमा
एनसीपी के वरिष्ठ नेता जीतेंद्र आव्हाड, वंदना चव्हाण, सोनिया दुहन और अदिति नलावडे ने वकीलों की एक टीम के साथ बुधवार को शरद पवार के दिल्ली आवास पर मुलाकात की। दिल्ली में शरद पवार खेमे की बैठक में नई पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर चर्चा हुई। सूत्रों ने कहा कि जिन नामों पर चर्चा हुई, उनमें ‘शरद पवार कांग्रेस, मी राष्ट्रवादी, शरद पवार स्वाभिमानी पार्टी’ शामिल हैं, जबकि ‘चाय का कप, सूरजमुखी, चश्मा और उगता सूरज’ चुनावी चिह्न वाली लिस्ट में हैं।
लोकतंत्र की हत्या का आरोप
शरद पवार गुट ने निर्वाचन आयोग के फैसले को लोकतंत्र की हत्या करार दिया। इस गुट के नेता अनिल देशमुख ने कहा, ‘यह लोकतंत्र की हत्या है। जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है।’ शरद पवार गुट की नेता सुप्रिया सुले ने कहा, ‘हम स्पष्ट रूप से दो काम कर रहे हैं। सबसे पहले, हम अगले 48 घंटों में उच्चतम न्यायालय जा रहे हैं। दूसरा, निर्वाचन आयोग ने हमें बुधवार शाम तक तीन नाम और तीन चुनाव चिह्न देने का विकल्प दिया है, तो हम निश्चित रूप से ऐसा करेंगे।’