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अजित बोले- मुझसे सत्ता में जाने को कहा, खुद NCP अध्यक्ष पद छोड़ा, सुप्रिया सब जानती थीं
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अजित पवार का बड़ा दावा, वह कहते कुछ, करते कुछ हैं
डिजिटल न्यूज डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार ने शुक्रवार (1 दिसंबर को) रायगढ़ जिले के कर्जत में आयोजित पार्टी कार्यकर्ताओं के अधिवेशन में अपने काका पर निशाना साधते हुए कहा कि शरद पवार खुद ही एनसीपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना चाहते थे, लेकिन वे हमसे कहते कुछ और थे, करते कुछ और थे। शरद पवार ने लगातार अपनी भूमिका बदली है। अजित ने यह भी बताया कि शरद पवार ने ही उनसे तब सत्ता में भागीदार होने का निर्देश दिया था। इस घटनाक्रम की सारी जानकारी सुप्रिया सुले को थी। वह जानती थीं कि वे लोग सरकार में शामिल हो रहे हैं, इसमें उनकी सहमति भी थी। शरद पवार का अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना केवल नौटंकी था।
बता दें कि शरद पवार ने 2 मई को एनसीपी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद अजित पार्टी अध्यक्ष बने थे। हालांकि बाद में शरद ने अपना फैसला वापस ले लिया, जिसके बाद अजित पवार ने अपना अलग गुट बनाकर महाराष्ट्र में शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल होने का फैसला किया। जुलाई 2023 में अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाया गया।
घर में सिर्फ 4 लोग जानते थे शरद इस्तीफा देंगे
शरद पवार इस्तीफा देंगे, यह बात किसी को नहीं पता थी। इस बारे में घर में सिर्फ चार लोग ही जानते थे। शरद पवार के इस्तीफा देने के बाद 15 सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई। कमेटी ने नए अध्यक्ष चुनने को कहा। शरद पवार की इसमें चाल थी। उन्होंने पहले इस्तीफा दिया और फिर आनंद परांजपे और जीतेंद्र आव्हाड को बुला कर इस्तीफा वापस लेने के लिए यशवंतराव सेंटर के सामने प्रदर्शन करने को कहा।
अजित ने कहा कि प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल, सुनील तटकरे, जयंत पाटील, अनिल देशमुख, रामराजे नाइक निंबालकर, दिलीप वलसे पाटील, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडे सहित कई नेता देवगिरी में बैठकर सरकार में शामिल होने पर चर्चा कर रहे थे। हम लोगों ने सुप्रिया को यह बात बताया था। तब सुप्रिया ने 8-10 दिन का वक्त मांगा था और कहा कि वे शरद पवार को मना लेंगी। हम लोगों ने 8 दिन तक इंतजार किया। इसके बाद ही हम लोगों ने शरद पवार से खुद ही बात कर सरकार में शामिल होने का फैसला किया।
शरद ने ही फोन पर कहा – सरकार में शामिल हो जाओ
अजित पवार ने बताया कि जब सब नेता शरद पवार के पास गए और उन्हें अपना फैसला सुनाया, तब उन्होंने कहा था कि ठीक है। हमने उनसे कहा कि जल्दी फैसला लीजिए। इसके बाद 1 मई को ध्वज सलामी इवेंट के दौरान शरद पवार ने उन्हें फोन किया और सरकार में शामिल होने के लिए कहा। साथ ही यह भी कहा कि वे एनसीपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहे हैं।